
पशुओं में फैल रही लंपी बीमारी… गोवंश की रक्षा के लिए सराहनीय पहल नगर पंचायत के कर्मचारियों और……
पशुओं में लंपी वायरस बहुत तेजी से फैलता है और इसके लिए वह खास माध्यम का सहारा लेता है। अगर कोई पशु लंपी वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसके शरीर पर परजीवी कीट, किलनी, मच्छर, मक्खियों से और दूषित जल, दूषित भोजन और लार के संपर्क में आने से यह रोग अन्य पशुओं में भी फैल सकता है।
जशपुर जिला अंतर्गत नगर पंचायत बगीचा के सीएमओ मुद्रिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि उन्हें आज दूरभाष के माध्यम से जानकारी मिल की बस स्टैंड बगीचा में कुछ लावारिस गाय है जिनमें लंपी वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है और गाय इस बीमारी से ग्रसित है, जानकारी मिलते ही पशु विभाग के डॉक्टर उमेश किंडो से संपर्क किया गया तथा नगर पंचायत के कर्मचारियों तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के मदद से बस स्टैंड बगीचा में रोग ग्रस्त गायों का इलाज कराया गया। इससे पहले भी लंपी वायरस से ग्रस्त गायों का इलाज कराया गया था। गोवंश की रक्षा के लिए विशेष रूप से बगीचा के सुदर्शन जायसवाल, मदेरन सिंह, नगर पंचायत सीएमओ मुद्रिका तिवारी, राजपूत जी एवं अन्य कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।
रोग के लक्षण
- लंपी वायरस से संक्रमित पशु को हलका बुखार रहता है.
- मुंह से लार अधिक निकलती है और आंख-नाक से पानी बहता है. पशुओं के लिंफ नोड्स और पैरों में सूजन रहती है.
- संक्रमित पशु के दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है.
- गर्भित पशु में गर्भपात का खतरा रहता है और कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है.
- पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 02 से 05 सेमी आकार की कठोर गठानें बन जाती हैं.
रोकथाम और बचाव के उपाय
- जो पशु संक्रमित हो उसे स्वस्थ पशुओं के झुंड से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले.
- कीटनाशक और बिषाणुनाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किल्ली, मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट कर दें.
- पशुओं के रहने वाले बाड़े की साफ-सफाई रखें.
- जिस क्षेत्र में लंपी वायरस का संक्रमण फैला है, उस क्षेत्र में स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए.
- किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
- संक्रमित क्षेत्र में जब तक लंपी वायरस का खतरा खत्म न हो, तब तक पशुओं के बाजार मेले आयोजन और पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगनी चाहिए.
- स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना चाहिए ताकि अगली बार उन्हें किसी तरह का संक्रमण न लगे.