भाजपा की दूसरी सूची जल्द ही होने वाली है जारी, संभावित प्रत्याशियों के तोते उड़े, क्या पाटी रायगढ़ विधानसभा में मारवाड़ी समाज को देगी प्राथमिकता?
रायगढ़ : मिली जानकारी के अनुसार इस महीने के अंतिम सप्ताह या फिर अक्टूबर महीने के प्रथम सप्ताह के शुरुआती दिनों में ही भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा प्रत्याशियों का दूसरा सूची जारी होने की खबर मिल रही है जिसे लेकर प्रदेश के भाजपा प्रत्याशियों के साथ-साथ स्थानीय भाजपा के प्रत्याशियों के दिल का धड़कन बढ़ता हुआ नजर आ रहा है
विदित होगी प्रदेश भाजपा के साथ ही साथ स्थानीय भाजपा के विधानसभा चुनाव के कई लम्बी दावेदार की सूची हैं और विधानसभा का टिकट मिलने का उनका अलग-अलग ही अपना अपना तर्क है जिसको लेकर संभावित प्रत्याशियों में खींचतान का दौर भी जारी है और एक दूसरे को नीचा दिखाने में कहीं भी पीछे नहीं हो रहे हैं चाहे गुट बाजी का भी मामला क्यों ना हो इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली हाई कमान और प्रदेश के आला नेता फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं और पिछले विधानसभा की गलतियों को सीख लेते हुए आपसी तालमेल बैठाकर सूची जारी करने की संकेत मिल रही है यह भी बताया जा रहा है कि जिस जिस विधानसभा में प्रत्याशियों का आपसी संतुलन नहीं बन पा रहे हैं वहा तीसरी सूची में प्रत्याशियों का नाम का अतिम मोहर लगेगा।
बात करें रायगढ़ जिले विधानसभा की तो चारों विधानसभा में तो प्रदेश के गलतियों की वजह टिकट बंटवारे के समय आपसी विवाद को न सुलझाते हुए आंख बंद कर टिकट बटवारा कर दिया गया था जिसका परिणाम यह हुआ कि हर विधानसभा क्षेत्र में गुटबाजी खुलकर दिखी परिणाम यह हुआ कि भाजपा का रायगढ़ विधानसभा में एक भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया जो की रायगढ़ में भाजपा का अब तक का सबसे बुरा हार था उस गलतियों को भाजपा दोबारा नहीं दोहराना चाहेगी।
एक नजर क्या है खाश : भाजपा हो या कांग्रेस रायगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी को लेकर रायगढ़ विधानसभा हमेशा सुर्खियों में रहा है और हमेशा की तरह विधानसभा चुनाव के अतिम समय पर ही भाजपा या कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा करती आई है लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी अपने सूची में जल्द ही रायगढ़ विधानसभा के प्रत्याशि की घोषणा कर सकती है जिसमें हर विधानसभा की भांति इस बार भी अग्र समाज की प्राथमिकता दी जा रही है क्योंकि भाजपा रायगढ़ विधानसभा में प्रत्याशी बनाकर बिलासपुर संभाग के जितने भी (अग्र) मारवाड़ी समाज के लोग है अपने पक्ष में करती आई है जबकि कांग्रेस के द्वारा बिलासपुर संभाग में जय सिंह अग्रवाल को कोरबा से टिकट दे कर मारवाड़ी समाज का वोट को अपने पक्ष करने की कोशिश की थी जिसका परिणाम कांग्रेस के लिए सुखद रहा।
वहीं दूसरी तरफ बात की जाए तो रायगढ़ विधानसभा के सबसे प्रमुख दावेदारों में से एक ओपी चौधरी का रायगढ़ विधानसभा से लड़ना लगभग लगभग तय माना जा रहा था लेकिन सूत्र बता रहे है की अब वह अंधेरे माना जा रहा है क्योंकि सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि ओपी चौधरी का भाजपा में खुलकर तो नहीं लेकिन मन ही मन विरोध था और आपसी संतुलन बनाने में असमर्थ रहे कार्यकर्ता तो कार्यकर्ता वोटरों में भी ओपी चौधरी को लेकर असंतुष्ट दिखाई दे रहे थे वही एक तर्क यह है की ओपी चौधरी के टीम में कार्य करने वाले और मैदान में उतरकर प्रचार प्रसार करने वाले लोगों का अचानक बद होना या फिर अचानक सुमड़ी मार कर बैठ जाना यही नहीं टीम ने अपने प्रचार प्रसार को सिमट दिया है अपने आप में बहुत कुछ ब्या करता है खबर यह भी आ रही है कि ओपी चौधरी कोई दूसरे विधानसभा से उम्मीदवारी कर सकते हैं हालांकि इसकी अधिकारी पुष्टि नहीं किया गया है।