दिलीप कुमार वैष्णव(आपकी आवाज़ )
कोरबा छत्तीसगढ़ – बेखौफ रसूखदार सूदखोर इतने हावी है कि कर्ज देकर पासबुक, एटीएम, चेक सहित कई दस्तावेज तक रख रहे हैं। सूदखोरों के जाल में सबसे ज्यादा नौकरी पेशा शामिल है। कोयला नगरी कहलाने वाले कोरबा जिला में सूदखोरों ने अपना कब्जा जमा रखा है। इसी तरह कोरबा के 𝗖𝗦𝗘𝗕, 𝗠𝗔𝗡𝗜𝗞𝗣𝗨𝗥,𝗞𝗨𝗦𝗠𝗨𝗡𝗗𝗔 के कालरी कर्मचारियों को अपना शिकार बनाया जाता है। उनसे चेक, एटीएम या फिर अन्य कीमती सामान लेकर उसके एवज में मनमाने दर पर उधार दे दिया जाता है। सूदखोरी से तंग आकर कुसमुंडा थाने क्षेत्र से एक पीडि़त ने एसपी सिद्धार्थ तिवारी के पास पहुंचकर फरियाद सुनाई। पीड़ित कमलेश्वर राठिया ने बताया की वह एसईसीएल कुसमुंडा में वार्ड बॉय के पद पर कार्यरत है। उसने मोनू उर्फ़ इरफान कुरैशी से स्थानीय निवासी मोहम्मद ताजुद्दीन के माध्यम से 16 हजार उधार लिया था। जिसके एवज में इरफान ने उसका एटीएम कार्ड वह तीन चेक हस्ताक्षर कराकर रख लिया था जिसका दुरुपयोग करते हुए बैंक से प्रतिमाह दस हजार रूपये वह छठवें महीने में एक लाख 24 हजार का अहरण कर लिया गया और उसकी बुलेट को अपने पास जबरन रख लिया। पीड़ित का कहना है कि दस दस हजार सूद उससे वसूला गया है और उसेसे एक लाख 50 हजार रुपए की ठगी की गई है। एटीएम के एवाज में 80 हजार रुपए मोहम्मद ताजुद्दीन ने ले लिया है। बुलेट व पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पूर्व में भी एक 𝗖𝗦𝗘𝗕 कर्मचारी सूदखोर इरफ़ान उर्फ़ मोनू कुरैशी के जाल में फसकर पंहुचा था आत्महत्या करने। दोस्तों ने किसी तरह समझा बुझाकर बचा ली थी जान।
आखिर सूदखोर को इतनी हिम्मत कहां से मिल रही है भोले भाले आम जनता को सूद पर पैसा देकर मोती ब्याज(सूद ) की रकम वसूल रहा है जबकि कोरबा जिले के भिन्न-भिन्न थानों में इसके खिलाफ पूर्व में भी शिकायत की जा चुकी है क्या सूदखोर को किसी के मिली भगत सफेद पोश या खाकी का संरक्षण प्राप्त है। नहीं तो पुलिस अच्छे-अच्छे बदमाशों को ठिकाने लगाने में भी देर नहीं करती लेकिन इस सूदखोर की कई थाने में शिकायत के बावजूद भी अपना सूद (ब्याज )का कारोबार तेजी से चला रहा है और आम लोगों को बली का बकरा भी बनाते जा रहा है अब शहर के पुलिस अधीक्षक से जिले के लोगों को काफी उम्मीद है कि इस सुदखोर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे जो लोग पीड़ित हैं उन्हें न्याय दिलाएंगे।