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केंद्रीय बजट में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले मोदी सरकार खोल सकती हैं खजाना, न्यूनतम सैलरी को लेकर बड़ा अपडेट

ईपीएफ खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर सेबिस सैलरी और महंगाई भत्ता का 12-12 फीसद का योगदान करते हैं।

नई दिल्ली : केंद्र सरकार इस साल का पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है। जिसमें कई बड़े ऐलान होने वाले हैं। इस बजट में केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि  में योगदान करने के लिए वेतन की न्यूनतम सीमा में वृद्धि हो सकती है।

कितनी होगी वृद्धि

केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान करने के लिए अभी न्यूनतम वेतन 15,000 रुपये है। जिसे बजट में बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जा सकते हैं। इस प्रस्ताव को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने तैयार किया है। जिससे जुड़ा ऐलान 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में हो सकता है।

संशोधन की तैयारी

मंत्रालय द्वारा 10 साल बाद यह संशोधन किया जा रहा है। कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है। इसके पहले न्यूनतम वेतन सीमा में दस साल पहले यानी 1 सितंबर 2014 को वृद्धि हुई थी। उस समय न्यूनतम वेतन सीमा को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई थी।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम में ज्यादा है वेतन सीमा

केन्द्रीय कर्मचारी भविष्य निधि में न्यूनतम वेतन की सीमा अभी 15 हजार रुपये है। लेकिन कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने साल 2017 से ही न्यूनतम सीमा में वृद्धि कर दी थी। जो 21 हजार रुपये है।

ईपीएफ खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर सेबिस सैलरी और महंगाई भत्ता का 12-12 फीसद का योगदान करते हैं। जिसमें कर्मचारियों का पूरा योगदान तो ईपीएफओ के खाते में जमा होता है, लेकिन नियोक्ता का 8.33 फीसदी योगदान कर्मचारी पेंशन योजना में और 3.67 फीसदी योगदान पीएफ खाते में जमा किया जाता है।

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