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सीजी-एन.एच.एम. 1 साल पर कोई सुनवाई नहीं, हताश हो अब करेंगे प्रदर्शन, चरमरायगी स्वास्थ्य व्यवस्था

स्वयं अपने विभागीय मंत्री से 08 बार संवाद, इस उदासीन रवैए के लिए जिम्मेदार कौन??

2 दिन की ध्यानाकर्षण से बात नहीं बनी, तो करेंगे अनिश्चित-कालीन हड़ताल

रायगढ़ । यह एनएचएम कर्मचारियों के लिए दोहरी चिंता का विषय है कि वह पहले सरकार से 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग करें, जो उन्हें 01 साल पहले ही मिल जानी चाहिए थी या नियमितीकरण की जो डबल इंजन सरकार ने, मोदी की गारंटी में कहा था। विधानसभा चुनाव पश्चात प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एंव एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी माँगों को लेकर मुख्यमंत्री,विधानसभा अध्यक्ष ,उप मुख्यमंत्री ,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम सांसदों और विधायकों से मिल कर ज्ञापन दिया गया और जब मांग पूरी नहीं हुई तो अब विवश होकर दो-02 दिन के ध्यानाकर्षण प्रदर्शन के लिए 22 और 23 जुलाई को रायपुर में इकट्ठा होंगे इससे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है और आम जनता की तकलीफ बढ़ेगी ।

लभगभ 15 हज़ार की संख्या वाले इस संगठन में डॉक्टर,नर्स,पैरामेडिकल ,प्रबंधकीय संवर्ग के लोग है । हड़ताल जाने से निम्न स्वास्थ्य सेवा प्रभावित होने की आशंका है कि इससे लोग परीक्षण, जांच ,दवाई ,जन्म मृत्यु पंजीयन, पोषण पुनर्वास जैसी सुविधा से भी वंचित हो सकते हैं। यह कर्मचारी प्रदेश,जिला,ब्लॉक, ग्राम स्तर तक अपनी सेवा देते हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी एंव जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का ने बताया कि,काम कर रहे कर्मचारी मानव संसाधन नीति 2018 से शासित होते हैं। समय के साथ उन नियमों में बदलाव की आवश्यकता है ।

नियमितिकरण सहित कुल 18 बिंदु मांग तथा गत वर्ष जुलाई 2023 में घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लेकर सरकार गठन से अब तक मुख्यमंत्री , उप-मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष ,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, स्वास्थ्य मंत्री,वित्त मंत्री सहित तमाम बड़े मंत्रियों से भेंट कर अपनी माँगों से अवगत कराया गया है। कुल 24 बार ज्ञापन दिया जा चुका है । भेंट के दौरान हर मंत्री ने इसके निराकरण की बात कही, परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिस कारण शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए दो-02 दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन 22 और 23 जुलाई को किया जाएगा इस आशय की सूचना उच्च स्तर पर भी दे दी गई है ।


प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित मिरी के अनुसार कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए अनुपूरक बजट सत्र 2023 में 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा सदन में की गई थी जिसके लिए 350 करोड़ का बजट रखा गया था । कई अन्य विभागों में वह प्राप्त भी हो चुका है किंतु आज तक एन एच एम कर्मचारियों को उसका लाभ नहीं मिला है। अल्प वेतन में काम कर रहे कर्मचारियों को घोषित वेतन वृध्दि का लाभ न देना यह सरकार की नियत पर संदेह पैदा करता है। कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने में शकुंतला एक्का, राघवेंद्र बहीदार, विद्याभूषण जायसवाल, वैभव डियोडिया, पवन प्रधान दीपक गिरी गोस्वामी, मैडम अंजू यादव, भुवनेश्वर मालाकार, उमेश जोल्हे, डॉक्टर कृष्ण कमल, डॉक्टर दीप्ति गुप्ता, डॉक्टर अनीता चंद्रा, डॉ राजेश पटेल, डॉक्टर कृष्ण गोपाल नायक, श्वेता पटेल, प्रभा सिदार, योगिता यादव, पूजा सेठ, संगीता बड़ा, युधिष्ठिर बारिक, प्रभा डनसेना, पूजा मेहरा, केरो बाई लहरे, सेत राम सिदार, दुर्गेश चौहान, दुष्यंत कुमार आदि उपस्थित रहे—-

 

ये है प्रमुख मांगें-
१८ सूत्रीय, प्रमुख मांगे इस प्रकार है—-
1. नियमितीकरण
2. एन एच एम कर्मचारियों का पे स्केल/ग्रेड पे निर्धारण
3. घोषित २७% संविदा वेतन-वृद्धि
4. विभिन्न पदों में वेतन विसंगति
5. सेवा पुस्तिका संधारण
6. कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता
7. वेतन पुनरीक्षण
8. तबादला व्यवस्था में अनियमितता
9. चिकित्सा परिचर्या
10. अवकाश नियम में बदलाव
11. अनुकंपा नियुक्ति
12. पदोन्नति का प्रावधान तथा भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों को नियमित पाठ्यक्रम की बाध्यता से छूट
13. अनुकंपा अनुदान राशि में वृद्धि
14. कार्य आधारित मूल्यांकन में रुके 5% वेतन वृद्धि का भुगतान
15. चिरायु योजना के तहत कार्य कर रहे एम एल टी के वेतन विसंगति
16. ईपीएफ का लाभ
17. मुख्यालय निवास नियम में बदलाव
18. शासकीय आवास का आवंटन

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