
गांधी स्टेडियम में तीन लाख किराए वाले क्रेन से खड़े हो रहे चार फ्लड लाइट टावर
फ्लडलाइट एक व्यापक बीम वाली, उच्च तीव्रता वाली कृत्रिम रोशनी है। इनका उपयोग अक्सर आउटडोर खेल के मैदानों को रोशन करने के लिए किया जाता है, जब भी कम रोशनी की स्थिति में आउटडोर खेल आयोजन हो रहा हो। रात के समय होने वाले कार्यक्रमों में भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।
अंबिकापुर। अंबिकापुर के गांधी स्टेडियम में फ्लड लाइट टावर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए उच्च क्षमता के क्रेन का उपयोग किया जा रहा है। इस क्रेन का ही एक दिन का किराया तीन लाख रुपये है। मुख्यमन्त्री की घोषणा के अनुरूप नगर निगम द्वारा यह कार्य कराया जा रहा है। प्रथम चरण में कुल चार फ्लड लाइट लगाए जा रहे हैं। इसके लिए बेस बनाने का काम कई महीने पहले ही पूरा कर लिया गया था। टावर भी आ चुका था लेकिन इसमें लाइट लगाने तथा खड़ा करने का काम तकनीकी कारणों से नहीं हो पा रहा था।
अब सारी बाधाएं दूर हो चुकी है। मंगलवार को उच्च क्षमता का क्रेन मंगवाया गया। इसी क्रेन के सहारे फ्लड लाइट टावर को खड़ा किया जा रहा है। एक फ्लड लाइट के लिए चौपाटी परिसर में बेस तैयार किया गया है। वहां पूजा -अर्चना के बाद काम शुरू किया गया। शेष तीन फ्लड लाइट टावर स्टेडियम के भीतर लगाए जाएंगे। एक फ्लड लाइट टावर पुराने रेलवे आरक्षण केंद्र के पास लगाया जा रहा है। दुर्गा मंदिर की ओर से स्टेडियम में प्रवेश करने वाले स्थल पर तथा एक फ्लड लाइट टावर को इंडोर स्टेडियम के पास लगाया जा रहा है। चार कोने में चार फ्लड लाइट का टावर लग जाने से रात के समय भी स्टेडियम जगमगा उठेगा। इससे पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो सकेगी।
रात में भी खेल गतिविधियों का संचालन हो सकेगा
खासकर रात्रिकालीन क्रिकेट मैचों का आयोजन गांधी स्टेडियम में हो सकेगा। 500 वाट के 24 लाइट एक फ्लड लाइट की ऊंचाई लगभग 25 मीटर है। ऊपरी हिस्से में इसका आकार ऐसा बनाया गया है कि समूचा प्रकाश स्टेडियम को रोशन करेगा। एक टावर में 500 वाट के 24 लाइट लगाए जा रहे है। इसमें एविएशन लाइट के साथ उच्च क्षमता का तड़ित चालक भी लगाया गया है। सारी लाइट एलईडी लगाई जा रही है। तकनीकी खराबी आने पर टावर के ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए सीढियां भी बनी हुई है। उच्च तकनीकी मापदंडों के आधार पर सीमेंट कांक्रीट के मजबूत बेस पर नट-बोल्ट से इसे कसा जा रहा है।
यह होगा फायदा
गांधी स्टेडियम में फ्लड लाइट टावर लग जाने का कई लाभ होगा। दूधिया रोशनी से स्टेडियम जगमगा उठेगा।रात्रिकालीन खेल आयोजनों के लिए अलग से खंभे या बांस लगाकर लाइट नहीं लगानी पड़ेगी। रात के समय भी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो सकेगा।