मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं से दहल रहा छत्तीसगढ़

बेटियों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित-*रिंकी पांडेय

रायगढ़/06अगस्त 2024। रायगढ़ जिला कांग्रेस प्रवक्ता रिंकी पांडेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं भाजपा सरकार में प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। क्या बेटी होना गुनाह है? क्यों असुरक्षित है बेटियां ? भाजपा के सरकार में कानून व्यवस्था ठप्प हो गई है। आरोपियों के मन में कानून का भय नहीं रहा क्योंकि आरोपी को संरक्षण देने का काम भाजपा सरकार की डीएनए में है। रिंकी पांडेय ने मानवता को शर्मशार करने वाली छत्तीसगढ़ में हालिया दिनों में घटित महिला अत्याचार की घटनाओं का जिक्र कर बताया कि कबीर नगर रायपुर में दिनदहाड़े रास्ता में 17 वर्षीय युवती पर ताबड़तोड़ चाकू से वार किया जाता है, नाबालिक लड़की की खून से पूरी सड़क लाल हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी रायपुर में ही 28 वर्षीय युवती के साथ कुछ दिन पहले रेप की घटना घटती है। थाना में रिपोर्ट तो दर्ज कर लेते हैं लेकिन रेपिस्ट गिरफ्तार नहीं हो पाता, नतीजा 27 जुलाई को दिनदहाड़े भनपुरी चौक पर बलात्कार आरोपी ने रेप पीड़िता को सड़क परह घसीटा और पीटा और आरोपी ने कहा कि पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी।

जिला कांग्रेस प्रवक्ता रिंकी पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेता बेटियों के सुरक्षा को लेकर सिर्फ वादा ही करते हैं पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है नित्य प्रदेश में लगभग चार महिलाएं बलात्कार की घटनाएं हो रही है और दरिंदगी इस कदर बढ़ गई है कि महिलाओं के ऊपर अत्याचार, अनाचार और हत्या का केस थमने का नाम नहीं ले रहे है। भाजपा की सरकार से कानून व्यवस्था काबू नहीं हो पा रही है। बीजेपी की नेत्रियां अवसरवादी राजनीति करती है। भाजपा शासन में लगातार बढ़ते अपराध, बलात्कार, हत्या पर मौन हो जाती है। बहुत सारे अमानवीय घटना घटती है जो मीडिया वालों को पता नहीं चल पाता जिसके कारण मीडिया में उजागर नहीं हो पाता तो उस घटना का थाने में शिकायत दर्ज भी नहीं होती, वह गुमनाम लड़कियां अपना जीवन यूं ही खत्म कर देती है। रिंकी पांडेय ने प्रदेश की सरकार से सवाल पूछा है कि क्या बेटियां होना गुनाह है?

कांग्रेस प्रवक्ता रिंकी पांडेय ने कहा कि आज प्रदेश की राजधानी का ही यह हाल है और अन्य जिला ग्रामीण क्षेत्रों का हाल भी बेहाल है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर के भारतीय जनता पार्टी की सरकार गंभीर नहीं है। आज फिर से छत्तीसगढ़ में महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है। माता-पिता अपनी बेटियों को लेकर के बहुत ही अधिक चिंतित है। यदि बेटियां स्कूल कॉलेज या कुछ काम, नौकरी में जाती है और जब तक वह घर वापस नहीं आती है तब तक माता-पिता डरे सहमें रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा लगाते थे सिर्फ नारा लगाने से नहीं होता है, बेटियों की सुरक्षा के लिए एक कड़ा कदम उठाना पड़ेगा।

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