छत्तीसगढ़न्यूज़

छात्रावास अधीक्षक भर्ती परीक्षा : 12 हजार 813 परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित

व्यापमं द्वारा छात्रावास अधीक्षक भर्ती परीक्षा के लिए जिले में 85 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। व्यापमं द्वारा परीक्षा शुल्क नहीं लिए जाने के कारण परीक्षार्थी परीक्षा के लिए फार्म तो भर देते हैं मगर परीक्षा देने नहीं पहुंचते। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा ने रविवार को एक पाली में छात्रावास अधीक्षक के 300 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई।

जांजगीर- चांपा। व्यापमं द्वारा छात्रावास अधीक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन रविवार को किया गया। इस परीक्षा के लिए पंजीकृत 30 हजार 253 परीक्षार्थियों में से 17 हजार 440 लोगों ने परीक्षा दी जबकि 12 हजार 813 परीक्षार्थी अनुपस्थित थे। दोपहर 12:15 बजे से दोपहर 2:15 बजे तक एक पाली में भर्ती के लिए परीक्षा हुई।

परीक्षा देकर बाहर निकले परीक्षार्थियों ने बताया कि गणित के प्रश्न कठिन थे। जिसे हल करने में उन्हें परेशानी हुई। गणित के सवालों के चक्कर में कई परीक्षार्थी उलझ गए थे। वर्षा शर्मा ने बताया कि कंप्यूटर विषय से प्रश्न पूछे गए थे। जिसने कंप्यूटर और गणित विषय की तैयारी अच्छी की थी उनके लिए यह पेपर सरल था इसके अलावा गणित, हिंदी, जनरल नालेज, बाल मनोविज्ञान से संबंधित सवालों ने भी उलझाए रखा। परीक्षार्थी रामनारायण ने बताया कि इस बार प्रश्नपत्र संतुलित था, कोई बडी समस्या नहीं आई, लेकिन सही संबंध से जोडों वाले सवालों में अभ्यर्थी जरूर उलझे रहे।
इसके अलावा गणित में फलक वाला प्रश्न था, वह भी अभ्यर्थियों को परेशान कर रहा था। बताया जा रहा है कि गणित के कुछ सवाल विलोपित हो सकते हैं, जिनका उत्तर नहीं मिल रहा था। इससे पहले परीक्षा में 150 अंकों का प्रश्नपत्र होता था, लेकिन इस बार 100 अंक का पेपर था। समय भी दो घंटे होने से अभ्यार्थी सभी प्रश्नों को हल नहीं कर सके। बताया जा रहा है कि इस बार शिक्षा बाल विज्ञान मनोविज्ञान और हास्टल प्रबंधन का नया सिलेबस जुड़ा था, लेकिन उससे संबंधित प्रश्न नहीं आए। कंप्यूटर और गणित के सवालों के कारण समय कम पड़ गया।
ग्रामीण क्षेत्र के सेंटरों तक पहुंचने में हुई परेशानी परीक्षा केंद्र में कई ऐसे केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में थे जहां पहुंचने के लिए बस या अन्य सुविधा नहीं होने से परीक्षार्थियों को निजी वाहन से सेंटर तक पहुंचना पड़ा। कई गांव ऐसे थे जहां जाने के लिए आटो या अन्य वाहन की सुविधा नहीं मिलने से परेशानी हुई। इस तरह के सेंटर में ग्राम भड़ेसर, कुटरा, महंत, सिवनी, नैला, सिवनी-चांपा, कुरदा, पीथमपुर, सलखन, डोंगाकोहरौद, ससहा, पोड़ी दल्हा, अमोरा सेंटर प्रमुख थे।

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