न्यूज़रायगढ़

बहुत समाज पाटी की आरक्षण बचाओ रैली गिरौधपुरी होते हुए रायगढ़ पहुंची

आरक्षण को लेकर बहुजन समाज पार्टी के केंद्रीय स्टेट कोऑर्डिनेटर  एवं प्रदेश प्रभारी एड एन पी अहिरवार ने सरकार पर बोला हमला किया प्रेस कांप्रेस

रायगढ़ के सत्तीगुड़ी चौक रेस्ट हाउस में आयोजित बहुजन समाज पार्टी की  पत्रकारवार्ता में  केंद्रीय स्टेट को-कॉर्डिनेटर और छत्तीसगढ़ दाऊराम  रत्नाकर ने बताता कि प्रभारी बलौदाबाजार कांड को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने शहीद वीरनारायण की जन्मस्थली सोनाखान से 24 सितंबर को रैली का आगाज किया है। यह रैली आज रायगढ़ में जनचेतना जगाते हुए प्रदेश भ्रमण कर 9 अक्टूबर को साइंस कॉलेज, रायपुर में समाप्त होगी।

बसपा नेता ने यह भी कहा कि आरक्षण बचाओ, आत्मसम्मान, स्वाभिमान जगाने के लिए यात्रा रायगढ़ पहुंची है जहाँ हमें मौसम खराब होने के बावजूद काफी सम्मान मिला । उन्होंने सरकार पर तेवर दिखाते हुए कहा की जिस तरह से जनाक्रोश बढ़ रहा है औऱ सरकार की उदासीनता समझ से परे है केंद्रीय सरकार को बिशेष सत्र बुलाकर सदन में निर्णय ले। कहा कि सरकार की मशा साफ नहीं है वर्गीकरण में कर  बांट कर रखने की है । देश मे भाजपा और कांग्रेस एंटी रिजर्वेशन से सरकार बनाते हैं हमारा मेंबर भले ही सदन में न हो हम लोग चुनाव में जीत नहीं आए लेकिन  बसपा जनचेतना जगाने निकली है। बसपा चाहती है कि देश मे जाति जनगणना हो। वहीं, भाजपा में लिंक के जरिये सदस्यता अभियान की तरह बसपा भी अपनी सदस्यता बढ़ाने पर जोर देगी
श्री रत्नाकर ने आगे कहा कि बीते 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में उपवर्गीकरण तथा क्रीमीलेयर लागू करने का निर्णय लिया है। इससे राज्य सरकार को मनमानी करने का मौका मिलेगा। वो किसी भी जाति को आरक्षण से वंचित कर सकती है। ऐसे में समाज मे फुट पड़ने की आशंका है जो राष्ट्र की एकता और अखंडता पर प्रहार करने जैसा है। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार संसोधन बिल लेकर सुप्रीमकोर्ट के निर्णय को यथावत रख आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करें।

आपकी आवाज के द्रारा एक सवाल पूछा गया कि जिनको आरक्षण मिल रहा है वह अन्य दूसरे जाति में परिवर्तन कर चले जाते हैं क्या उनको भी आरक्षण मिलना चाहिए उसके उत्तर में उन्होंने कहा कि उनको अपने समाज में अधिकार नहीं मिलने की वजह से दूसरे जाति में चले जाते हैं और जाति जन्म से होती है तो उनका अधिकार मिलना चाहिए लेकिन प्रश्न यह भी उठना है कि यहां उन्हें अधिकार नहीं मिलकर उनके अन्य जातियों में परिवर्तन करने के बाद मिल रहा है तो उनको आरक्षण का लाभ कैसे मिले

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