रायगढ़। प्रदेश के बीजापुर जिले में युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या को लेकर पूरे राज्य के पत्रकारों में भारी आक्रोश है। इस घटना के विरोध में रायगढ़ के पत्रकारों ने जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष लालमणि त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा और आग्रह किया कि कोई भी अधिवक्ता आरोपियों की पैरवी न करे।
पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग
पत्रकारों का कहना है कि यदि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने अपने वादे के अनुसार पत्रकार सुरक्षा कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया होता, तो बीजापुर जैसी अमानवीय घटना नहीं होती। वहीं, वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी पत्रकारों पर अत्याचार और फर्जी मामलों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
हाल ही में कोंटा थाना प्रभारी (TI) द्वारा चार पत्रकारों को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजने की घटना भी सामने आई थी। अब, 1 जनवरी को बीजापुर के प्रतिभावान पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्ममता से हत्या कर दी गई, जिससे पूरे प्रदेश के पत्रकार आक्रोशित हैं और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
रायगढ़ के पत्रकारों ने जिला अधिवक्ता संघ से किया अनुरोध
बीजापुर पुलिस ने हत्या में शामिल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें जेल भेजने की तैयारी चल रही है। इस बीच, रायगढ़ के पत्रकारों ने निर्णय लिया कि अधिवक्ताओं से अपील की जाए कि कोई भी वकील हत्यारों की पैरवी न करे, ताकि उन्हें शीघ्र सजा दिलाई जा सके।
इसी क्रम में आज प्रेस क्लब रायगढ़ के बैनर तले कई पत्रकार दोपहर 3 बजे जिला न्यायालय पहुंचे और जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों एवं अध्यक्ष लालमणि त्रिपाठी से मुलाकात की। पत्रकारों ने उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए बीजापुर जिला अधिवक्ता संघ के नाम ज्ञापन सौंपा।
अधिवक्ता संघ ने दिया आश्वासन
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष लालमणि त्रिपाठी ने पत्रकारों की अपील को सहर्ष स्वीकारते हुए आश्वासन दिया कि वह समय पर यह ज्ञापन बीजापुर जिला अधिवक्ता संघ तक भेजेंगे। उन्होंने कहा,
“युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या अत्यंत निंदनीय है। हम अधिवक्ताओं के बीच चर्चा कर यह प्रयास करेंगे कि राज्य भर में कोई भी अधिवक्ता आरोपियों की पैरवी न करे, जिससे उन्हें शीघ्र एवं कड़ी सजा मिल सके।”
इसके साथ ही, पत्रकारों ने यह भी बताया कि ज्ञापन की एक प्रतिलिपि बिलासपुर अधिवक्ता संघ को भी भेजी जाएगी, ताकि वहां से भी कोई वकील हत्यारों के समर्थन में न खड़ा हो।