रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। नक्सलियों ने हमास आतंकियों की तर्ज पर सुरंगों में अपने ठिकाने बना रखे थे, जहां बड़ी लेथ मशीनों की मदद से बंदूकें, देसी रॉकेट और रॉकेट लॉन्चर तैयार किए जा रहे थे। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के दौरान हथियारों की एक बड़ी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है।
बीजापुर में मुठभेड़: 12 नक्सली ढेर, हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद
गुरुवार को बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के पुजारी कांकेर और मारुड़बाका के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में 12 नक्सली मारे गए, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षाबलों को भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी मिला है।
तीन राज्यों में फैला था नक्सलियों का नेटवर्क
बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर तीन जिलों के नक्सलियों के खिलाफ यह बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के समय नक्सली एक बड़ी बैठक कर रहे थे, जिसमें छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हार्डकोर नक्सली शामिल थे। इनमें कई इनामी नक्सलियों के मारे जाने की भी खबर है।
सुरंगों में बन रहे थे घातक हथियार
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने जब इलाके की तलाशी ली तो जंगल में गुप्त सुरंगें मिलीं। इन सुरंगों में नक्सली बड़े पैमाने पर हथियार निर्माण कर रहे थे। बरामद सामग्रियों में लेथ मशीनें, बड़ी संख्या में लोहे के पाइप और अन्य उपकरण मिले हैं, जिनका उपयोग हथियार बनाने में किया जाता था।
2 करोड़ के इनामी हिड़मा की बटालियन पर चला ऑपरेशन
इस ऑपरेशन में नक्सलियों की कुख्यात बटालियन PGLA भी शामिल थी, जिसका नेतृत्व 2 करोड़ के इनामी नक्सली हिड़मा कर रहा था। दो दिन तक चली इस मुठभेड़ में फोर्स को भारी पड़ता देख हिड़मा और देवा पहाड़ी की ओर भाग निकले।
नक्सलियों की रणनीति: लोहे की प्लेट से बनाई सुरक्षा ढाल
सुरंग की गहराई और बनावट से साफ है कि नक्सलियों ने इसे लंबे समय तक छिपे रहने और हथियार निर्माण के लिए तैयार किया था। सुरक्षा के लिए सुरंगों को लोहे की मोटी प्लेटों से ढका गया था ताकि गोलीबारी के दौरान वे सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा, सुरक्षाबलों पर फायरिंग के लिए नक्सलियों ने जेसीबी की मदद से विशेष नालियां भी बनाई थीं।
सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, अभियान जारी
यह ऑपरेशन सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सलियों की हथियार बनाने की फैक्ट्री के खुलासे से उनकी रणनीति पर बड़ा प्रहार हुआ है। सुरक्षाबल आगे भी इस तरह के ऑपरेशन जारी रखेंगे, ताकि नक्सली गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।