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अनुभवी आईपीएस अधिकारी को मिली नई जिम्मेदारी, पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति पर केंद्र की मुहर बाकी
छत्तीसगढ़ सरकार ने 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को राज्य का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। वे 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा का स्थान लेंगे, जो सोमवार को डीजीपी पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं।
होमगार्ड महानिदेशक के साथ अब पुलिस प्रमुख की भी जिम्मेदारी
गृह विभाग के आदेशानुसार, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक अरुण देव गौतम को डीजीपी का अस्थायी प्रभार सौंपा गया है। उनके पास लोक अभियोजन निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी पहले से है। अगले आदेश तक वे इन सभी विभागों का कार्यभार संभालते रहेंगे।
पूर्व डीजीपी अशोक जुनेजा को मिला था सेवा विस्तार
अशोक जुनेजा को 11 नवंबर 2021 को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था, और 5 अगस्त 2022 को उन्हें पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त किया गया। उन्हें पिछले साल अगस्त में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन राज्य सरकार ने छह महीने का सेवा विस्तार दिया था, जिसके बाद वे अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।
अरुण देव गौतम की प्राथमिकताएं: कानून-व्यवस्था मजबूत करना और अपराध पर लगाम लगाना
अरुण देव गौतम अनुभवी और सख्त प्रशासक माने जाते हैं। वे छत्तीसगढ़ पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में प्राथमिकता रहेगी:
- अपराध नियंत्रण को सख्ती से लागू करना
- राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत करना
- पुलिसिंग में सुधार लाना और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाना
पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी
हालांकि, राज्य के पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है। जब केंद्र से स्वीकृति मिलेगी, तब छत्तीसगढ़ सरकार औपचारिक रूप से पूर्णकालिक डीजीपी की घोषणा करेगी। माना जा रहा है कि अरुण देव गौतम ही इस पद के मजबूत दावेदार हैं और जल्द ही उन्हें स्थायी नियुक्ति मिल सकती है।