हत्या के मामले में कार्यशाला का आयोजन

● *कार्यशाला : हत्या के मामलों में विवेचना को सशक्त करने कंट्रोल रूम में आयोजित कार्यशाला*

     *रायगढ़, 12 अप्रैल* । रायगढ़ में शनिवार 12 अप्रैल को पुलिस कंट्रोल रूम में अपराध विवेचना में गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से हत्या के मामलों पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रत्येक शनिवार की तरह इस बार भी जिला पुलिस की ओर से यह आयोजन किया गया, जिसमें विशेष रूप से हत्या जैसे गंभीर अपराधों की विवेचना को मजबूत और तकनीकी दृष्टिकोण से सटीक बनाने पर फोकस किया गया। कार्यशाला में धरमजयगढ़ एसडीओपी सिद्धांत तिवारी, निरीक्षक प्रशांत राव और निरीक्षक राजेश जांगड़े ने केस स्टडी के माध्यम से हत्या के सफल मामलों और उन मामलों का विश्लेषण किया, जिनमें साक्ष्य के अभाव में आरोपी दोषमुक्त हो गए थे।
      कार्यशाला में राजपत्रित अधिकारियों द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए कि हत्या के प्रकरणों में साक्ष्य कैसे संकलित किए जाएं, बयानों को किस प्रकार रिकॉर्ड किया जाए, एफएसएल, फिंगरप्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक सबूत जैसे बिंदुओं को किस तरह विवेचना में जोड़ा जाए ताकि न्यायालय में आरोपी के विरुद्ध ठोस मामला प्रस्तुत किया जा सके। बैठक में जिला मुख्यालय के सभी थाना प्रभारी और विवेचक मौजूद रहे, वहीं तहसील स्तरीय थाना और चौकी के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
        पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हत्या जैसे जघन्य अपराधों में विवेचना को इस तरह से तैयार करना है कि न्यायालय में आरोपी को सजा दिलाना सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए मामलों में सजा का प्रतिशत बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना कि गंभीर मामलों में कोई भी आरोपी कानूनी कमजोरी का लाभ लेकर छूटने न पाए, यही इस तरह की कार्यशालाओं का मूल उद्देश्य है।

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