
गौरेला में स्व. अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने पर बवाल, जनता में गुस्सा
गौरेला । पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति को गुपचुप तरीके से हटाए जाने के बाद गौरेला में बवाल मच गया है। यह मूर्ति ज्योतिपुर चौक पर वर्षों से स्थापित थी, जिसे बीती रात अज्ञात लोगों ने चोरी-छिपे तोड़कर हटा दिया।
बिना पूर्व सूचना के की गई कार्रवाई चौंकाने वाली बात यह है कि न तो नगरपालिका अधिकारी और न ही ठेकेदार को मूर्ति हटाने की जानकारी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्य रात के अंधेरे में किया गया, जिससे यह संदेह और विवाद का विषय बन गया है कि यह आदेश किसने दिया।
असम्मानजनक तरीके से हटाई गई मूर्ति प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मूर्ति को पैरों से तोड़ा गया और बेहद अपमानजनक तरीके से नगरपालिका परिसर के पास गंदगी के ढेर में फेंक दिया गया। इस कृत्य से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है।
स्थानीय जनता ने जताया विरोध, मूर्ति पुनः लगाने की मांग ग्रामीणों और नागरिकों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मूर्ति को पुनः उसी स्थान पर स्थापित करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन और चक्काजाम करेंगे।
पुलिस ने जांच की शुरू, CCTV से मिला सुराग थाना प्रभारी नवीन बोरकर ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। CCTV फुटेज के आधार पर उस वाहन की पहचान कर ली गई है, जिससे मूर्ति को हटाया गया था। पुलिस जल्द ही एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
यह मामला अब सियासी रंग भी ले सकता है क्योंकि स्व. अजीत जोगी छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व रहे हैं। जनता अब यह जानना चाहती है कि आखिर इतनी बड़ी कार्रवाई के पीछे जिम्मेदार कौन है।