
धौंराभांठा | आपकी आवाज़ न्यूज़ | अशोक सारथी
विकासखंड तमनार की ग्राम पंचायत सरायपाली में 29 मई को जल संरक्षण को लेकर एक विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना “मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत हुआ, जिसमें ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जल संरक्षण को जनआंदोलन में बदलने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत और सहभागिता
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आयोजित इस जागरूकता अभियान की शुरुआत जल संरक्षण पर आधारित एक जीवंत नुक्कड़ नाटक से हुई। इसमें कलाकारों ने पानी की कमी, उसके दुरुपयोग और संरक्षण के सरल उपायों को रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत किया, जिससे ग्रामीणों पर गहरा प्रभाव पड़ा।

महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों ने विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने घर-घर जाकर ग्रामीणों को वर्षा जल संग्रहण, पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन, नल-लीकेज रोकने और जल-कुशल खेती जैसे उपायों की जानकारी दी। इन प्रयासों से गांव में जल संरक्षण को लेकर उत्साह का माहौल बना।

शपथ समारोह और संदेश लेखन
इस अभियान का मुख्य आकर्षण सामूहिक शपथ ग्रहण समारोह रहा, जिसमें सभी ग्रामीणों ने जल संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। प्रमुख संकल्पों में शामिल थे:
जल का विवेकपूर्ण उपयोग
वर्षा जल संग्रहण को अपनाना
जल स्रोतों को प्रदूषण से मुक्त रखना
इसके साथ ही गांव की दीवारों पर आकर्षक जल संरक्षण संबंधी नारों को चित्रित किया गया और एक पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिससे बच्चों और युवाओं को भी अभियान से जोड़ने की कोशिश की गई।
प्रशासनिक संदेश और भविष्य की योजना
जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि यह केवल एक जागरूकता अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की शुरुआत है। सरायपाली के लोगों द्वारा लिया गया संकल्प अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बनेगा। उन्होंने बताया कि इसी तरह के कार्यक्रम जिले की सभी पंचायतों में क्रमशः आयोजित किए जाएंगे।
सरायपाली में हुए इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि ग्रामीण स्तर पर लोग संगठित होकर प्रयास करें, तो जल संकट जैसे गंभीर विषय से भी प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है। “मोर गांव मोर पानी” अभियान अब केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि आमजन की जागरूकता और सहभागिता का प्रतीक बन गया है।