
बाकारूमा में परल कोक की वर्षों पुरानी काली कमाई बेधड़क जारी, प्रशासन मौन
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डाहीडांड में चार वाहन जब्त, पर खरीददारों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं
रैरूमा चौकी से महज़ 500 मीटर की दूरी पर खुलेआम हो रही कोयले की चोरी
छाल/रायगढ़, 24 जून 2025 – धरमजयगढ़ के रैरूमा चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बाकारूमा गांव में एक दशक से अधिक समय से चल रहा परल कोक (कोकिंग कोल) का अवैध कारोबार अब तक प्रशासन की पकड़ से बाहर है। पत्थलगांव मुख्य मार्ग पर स्थित इस क्षेत्र में, ट्रकों से प्लांटों को भेजे जा रहे कोयले में से चोरी कर उसे खुलेआम बेचा जा रहा है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ट्रकों के चालक और मजदूर मिलकर बाउंड्रीवाल के भीतर कोयले को बोरियों में भरते हैं, फिर उसे सस्ते दामों में मौके पर ही बेच दिया जाता है। इसके बाद बचे हुए कोयले को पानी डालकर गीला किया जाता है ताकि उसके वजन में कमी न आए और प्लांटों को भ्रमित किया जा सके। यह साफ तौर पर न केवल कोयला चोरी है, बल्कि ट्रांसपोर्ट कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों को धोखा देने की सोची-समझी साज़िश है।
इस पूरे नेटवर्क का संचालन रैरूमा पुलिस चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर हो रहा है, फिर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यही नहीं, डाहीडांड में हाल ही में पकड़े गए चार वाहनों को तो जप्त कर लिया गया, लेकिन अवैध परल कोक खरीदने वालों को अब तक कोई सजा नहीं मिली, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रशासन की नजरअंदाजी या सांठगांठ के कारण यह कारोबार लगातार फल-फूल रहा है और अब तो हालात ये हैं कि इसमें संलिप्त लोगों ने घर से लेकर प्लॉट तक बना लिए हैं।
चौकी प्रभारी का बयान:
“बाकारूमा में परल कोक कोयला का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैं स्वयं जाकर जांच करूंगी।”
— मनकुंवर सिदार, चौकी प्रभारी, रैरूमा
प्रश्न अनुत्तरित:
- क्या प्रशासन इस नेटवर्क के असली सरगनाओं तक पहुंच पाएगा?
- वर्षों से बेधड़क चल रही इस चोरी पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
- क्या सिर्फ मजदूर और वाहन चालकों को ही पकड़कर खानापूर्ति की जा रही है?