
भारतमाला सर्वे का लगाया लाल झंडा, वहां शेड निर्माण शुरू क्या मुआवजा का खेल….?
अधिकारी बोले हमें कोई जानकारी नहीं, क्या आपकों भी लगता की अधिकारीयों को पता नहीं..?
जहां जहां से भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन प्रभावित क्षेत्र में जमीन दलाल व भू भूमिया सक्रिय
सावधान रहे सतर्क रहें नहीं तों भोले भाले ग्रामीणों के साथ हो सकता है जमीन सबंधित धोखा
रायगढ़ :- भारतमाला परियोजना के तहत, उरगा (कोरबा) से जशपुर तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, यह परियोजना बिलासपुर से शुरू होकर उरगा, हाटी, धर्मजयगढ़ से होते हुए जशपुर जिले के पत्थलगांव, कुनकुरी तक जाएगी। दूसरे चरण में उरगा से पत्थलगांव तक 85 किमी सड़क लगभग 1275 करोड़ रुपए एस्टीमेट निर्माण कार्य के लिए है। इसमें भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की राशि शामिल नहीं है।
मुख्य मुद्दे और खुलासे

- लाल झंडा = मुआवजा का मौका?
- एन.एच. के सर्वेयर द्वारा लाल झंडा लगाए जाने के बाद ग्रामीणों और दलालों ने इसे अंतिम सर्वे का संकेत मान लिया।
- लाल झंडा लगने के तत्काल बाद शेड निर्माण शुरू कर दिया गया ताकि मुआवजे का अधिक लाभ लिया जा सके।
- पूर्व निर्धारित एलाइनमेंट बदलने के बाद नई गड़बड़ियां
- पहले से प्रभावित क्षेत्रों के अवार्ड हो चुके थे।
- अब नया एलाइनमेंट आने के बाद मेढ़रमार गांव जैसे नए क्षेत्र में अवैध निर्माण हो रहा है।
- दलालों की मिलीभगत का आरोप
- कुछ दलालों के सर्वेयर से सीधे संपर्क होने का आरोप।
- किसानों से खाली चेक गारंटी में लिए गए और उनके नाम पर शेड खड़ा कर मुआवजे की तैयारी की जा रही है।
- अधिकारियों की अनभिज्ञता या उदासीनता?
- एस.डी.एम. धनराज मरकाम ने साफ कहा कि उन्हें इस सर्वे की कोई जानकारी नहीं है।
- स्थानीय अधिकारी व राजस्व विभाग अंजान बने हुए हैं जबकि कार्रवाई की ज़िम्मेदारी उन्हीं की है।
संभावित घोटाले के संकेत
- बिना अनुमति सिंचित-असिंचित भूमि पर शेड निर्माण
- सर्वे के पहले ही मुआवजा पाने की नियत से शेड निर्माण
- दलाल-किसान-सरकारी कर्मियों की मिलीभगत की संभावना
- पूर्व एलाइनमेंट के शेड को हटाकर नए एलाइनमेंट में फिर से निर्माण
जरूरी कार्रवाई (सुझाव):
- स्वतंत्र जांच कमेटी बनाई जाए जो लाल झंडे वाले स्थानों पर किए गए निर्माण की जांच करे।
- दलालों की सूची और उनके एन.एच. सर्वेयर से संबंध की जाँच हो।
- किसानों की आर्थिक स्थिति की ऑडिट कर यह पता लगाया जाए कि क्या यह शेड वाकई जरूरत के हिसाब से बने हैं या सिर्फ मुआवजे के लिए।
- सर्वे की पारदर्शिता और स्थानीय प्रशासन को जानकारी देना अनिवार्य किया जाए।
🗣️ निष्कर्ष:
भारतमाला जैसी बड़ी और बहुप्रतीक्षित परियोजना पर भ्रष्टाचार की छाया गंभीर चिंता का विषय है। अगर इस तरह की गड़बड़ियों को समय रहते नहीं रोका गया तो न सिर्फ सरकारी राशि का दुरुपयोग होगा, बल्कि परियोजना की समयसीमा और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होंगी। यह मामला तत्काल संज्ञान लेकर गहराई से जांच योग्य है।