सचिव हटाओ पंचायत बचाओ…. ग्रामीणों की आवाज बन जन प्रतिनिधि पहुंचे कलेक्ट ऑफिस….

जशपुर जिले के विकासखण्ड मुख्यालय बगीचा का अधिनस्थ ग्राम पंचायत कामारिमा एक बार फिर सुर्खियों में है, कारण ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा एक बार फिर से पंचायत क्षेत्र के निवासियों के हक का हनन किया जाना ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कामारिमा हमेशा से ही भ्रष्टाचार से जुझता रहा है, विकास की गाथा वहां सिर्फ कागजों में लिखी जाती है, धरातल पर जिसका कोई औचित्य नज़र नहीं आता है । कामारिमा में पदस्थ पंचायत सचिव राजेश सिंह के कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर कामारिमा ग्राम पंचायत के समस्त जन प्रतिनिधियों ने कल दिनांक 11/08/2025 को जशपुर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत होकर मौखिक रूप से अपने पंचायत की आपबीती बताई साथ ही लिखीत रुप में आवेदन देकर उक्त सचिव पर तात्कालिक कार्यवाई की मांग की है ।

लिखित आवेदन पत्र में जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को सिलसिलेवार तरीके से ग्राम पंचायत कामारिमा में होने वाली भ्रष्टाचार से परिपूर्ण कार्यों को अंकित किया है 👇

1. वार्षिक आय व्यय की जानकारी न देना, पंचायत सदन में खर्च ब्यौरा पूछने पर टाल मटोल करना ।

2. पंचायत चुनाव 2025 के बाद 15 वां वित्त खाता की राशि 12.5 लाख रूपये निर्मल तिर्की जो फोटो कॉपी दुकान संचालक हैं का फर्जी बिल लगाकर टेपनल के नाम पर व्यय कर भ्रष्ट्राचार किया है, जबकी निर्मल तिर्की के पास किसी प्रकार का कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है। फर्जी बिल पास कराकर बन्दरबाट किया है।

3. फर्जी प्रस्ताव कर राशि आहरण करना ।

4. जन्म-मत्यु प्रमाण पत्र बनाने में राशि लेना ।

5. बिना निमार्ण कार्य का राशि आहरण करना ।

6. ग्राम सभा कि मुनादी विधिपूर्वक कोटवार द्वारा नहीं कराना ।

7. 2024-25 में शासकिय भवनों पर लिपाई पोताई तक नहीं कराना ।

8. राशन कार्ड बनवाने का पैसा लेना।

9. पंचायत सचिवालय में अनुपस्थित रहना एवं अपना निवास बगीचा में रहना ।

10. हमारे ग्राम पंचायत में कुल 277 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत है जिसमें निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है और अधूरे कार्य का सीसी जारी कर दिया जा रहा है, जिससे मनरेगा के तहत मिलने वाली कुल 90 हाजरी से हितग्राही वंचित रह जा रहे है।

ग्राम पंचायत कामारिमा के जनप्रतिनिधियों के मार्मिक निवेदन पर शासन प्रशासन कब तक और कैसी कार्रवाइयां करतीं हैं यह खाश होगा क्योंकि उक्त सचिव पर ग्राम पंचायत कामारिमा में ही पहले भी कई प्रकार के आरोप लग चुके हैं पर कार्रवाई के नाम पर हमेशा से ही वही “ढाक के तीन पात”

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