दुकानों, स्कूलों एवं अस्पतालों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य

समिति का गठन न होने पर होगी 50 हजार रुपए का जुर्माना

रायगढ़, 26 सितम्बर 2025/ महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन अनुसार अब जिले के सभी स्कूलों, दुकानों और अस्पतालों और निजी संस्थानों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन जिला प्रशासन ने अनिवार्य कर दिया है। यह समिति महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत शिकायतों का निवारण करेगी। निर्देश के अनुसार 10 या अधिक कर्मचारी वाले सभी संस्थान, दुकान, स्कूल, अस्पताल, बैंक, एनजीओ और ट्रस्ट में यह समिति गठन अनिवार्य है। संस्थान परिसर में किसी भी व्यक्ति द्वारा ऐसे किसी आचरण की शिकायत महिला कर्मचारी द्वारा आंतरिक शिकायत समिति को की जाएगी।
सहायक श्रमायुक्त ने जानकारी देेते हुए बताया कि उक्त समिति का निर्धारित प्रारूप में गठन किया जाकर श्रम विभाग में जमा किया जाना अनिवार्य होगा। प्रारूप के अनुसार 4 सदस्यीय समिति होगी जिसमें वरिष्ठ महिला कर्मचारी की अध्यक्षता में अन्य 02 महिला सदस्य तथा एक एनजीओं के सदस्य शामिल रहेंगी। ऐसे संस्थान जहां केवल पुरूष कर्मचारी कार्यरत है उन संस्थानों में भी किसी एनजीओ के सामंजस्य से महिला सदस्य को शामिल किया जाना अनिवार्य होगा। यह समिति तीन वर्ष के लिए वैद्य होगी जिसका तीन वर्ष पश्चात पुर्नगठन किया जाना होगा। उक्त समिति के गठन के आदेश तथा उत्पीडऩ के दण्ड को सभी संस्थानों को ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करना होगा जहां वह सरलता से दिखाई पड़े। संस्थानों में यह समिति का गठन नहीं होने पर नियमानुसार 50 हजार रूपए का जुर्माना देना होगा।

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