
छत्तीसगढ़ में ISIS Module का बड़ा खुलासा। एटीएस ने दुर्ग, रायपुर और भिलाई से नाबालिगों को हिरासत में लिया। AI Fake Video और ऑनलाइन Brainwash कर बच्चों को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश उजागर।
छत्तीसगढ़ में ISIS Module की बड़ी साजिश का पर्दाफाश
छत्तीसगढ़ में ISIS Module से जुड़ी एक गम्भीर आतंकी साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। एटीएस ने दुर्ग के सुपेला क्षेत्र से चार नाबालिगों को हिरासत में लिया है। इससे पहले रायपुर और भिलाई से दो किशोर पकड़े जा चुके हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान-आधारित मॉड्यूल इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग कर बच्चों में कट्टरपंथ फैला रहा था।
ऑनलाइन Brainwash की गहरी चाल
जांच के अनुसार पकड़े गए किशोरों को वर्षों तक Brainwash किया गया। उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी और उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि उनका जन्म मजहब की “रक्षा” के लिए हुआ है। इसी बहाने उनके भीतर अन्य समुदायों के प्रति नफरत और हिंसा का बीज बोया गया। यह पूरा नेटवर्क गुप्त ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भारत में सक्रिय था।
AI Fake Video के सहारे कट्टरपंथी मानसिकता तैयार
एटीएस की तकनीकी टीम को आरोपियों के लैपटॉप और मोबाइल से कई AI Fake Video मिले हैं। इनमें गैर-इस्लामिक देशों में मुस्लिमों पर अत्याचार का भ्रामक चित्रण किया गया था। ISIS की इराक-सीरिया में की गई हिंसक घटनाओं को “जायज़ बदला” बताकर इन किशोरों को उसी राह पर चलाने की कोशिश की जा रही थी।
ATS Chhattisgarh ने रायपुर और भिलाई में दी दबिश
रायपुर के संतोषी नगर का एक किशोर ‘टेली सीखने’ के बहाने कंप्यूटर सेंटर जाता था। वहीं बैठकर वह ISIS Module से ऑनलाइन ट्रेनिंग लेता था और कट्टर सामग्री आगे भेजता था। ATS Chhattisgarh द्वारा IP Address ट्रैक करने पर पूरा नेटवर्क सामने आया। इसके बाद रायपुर और भिलाई में कार्रवाई कर दोनों किशोरों को हिरासत में ले लिया गया।
डेटा डिलीट करने की ट्रेनिंग, फोरेंसिक टीम कर रही रिकवरी
किशोरों को निर्देश मिलने पर चैट, वीडियो और फाइलें तुरंत डिलीट करने की ट्रेनिंग दी गई थी। कई महत्वपूर्ण डेटा अब भी रिकवर किया जा रहा है। तकनीकी जांच के बाद इस मॉड्यूल के और भी सदस्यों का पता लगने की संभावना है।
देशभर में 100 से अधिक लोगों तक फैला नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया कि यह समूह इंस्टाग्राम, गेमिंग प्लेटफॉर्म और फेक आईडी के जरिए पिछले 4–5 वर्षों में देश भर के 100 से अधिक युवाओं तक कट्टरपंथी सामग्री फैला चुका है। हिंसक गेम, वीडियो और गुप्त चैट रूम इस नेटवर्क का मुख्य माध्यम थे।
परिवार भी बने निशाना, किशोर हुए आक्रामक
सूत्रों के अनुसार ब्रेनवॉश किए गए किशोर अपने परिवारों को ही विरोधी मानने लगे थे। अधिकारी इसे देश के दुर्लभ मामलों में से एक बता रहे हैं, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर बच्चों को निशाना बनाना पहले किसी अन्य राज्य में नहीं देखा गया।














