
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 48 लाख रुपये के इनामी 15 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। समर्पित नक्सलियों में संगठन की सबसे शक्तिशाली मानी जाने वाली बटालियन नंबर-1 के चार सदस्य भी शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने आए बटालियन के एक सदस्य ने अमर उजाला से बातचीत में खुलासा किया कि कमांडर हिड़मा के मारे जाने के बाद बटालियन नंबर-1 की शक्ति बुरी तरह कमजोर पड़ गई है। सुरक्षा बलों के लगातार जारी अभियानों ने शीर्ष नेतृत्व को हिला दिया है और दबाव इतना बढ़ गया है कि बड़ी संख्या में नक्सली संगठन छोड़ रहे हैं।
उसने यह भी दावा किया कि बटालियन नंबर-1 के बड़े माओवादी नेता बारसे देवा समेत कई वरिष्ठ कैडर जल्द ही हथियार डाल सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त अभियान का यह बड़ा प्रभाव है।
31 मार्च 2026 तक नक्सल-मुक्त भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बस्तर के दूरस्थ इलाकों में नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं, सड़क निर्माण तेज़ हुआ है और ड्रोन सर्विलांस से नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इन प्रयासों से बटालियन नंबर-1 का प्रभाव क्षेत्र तेजी से सिमट रहा है।














