ले आउट की अनदेखी से बढ़ रही उद्योगों की लागत, बेहतर प्लानिंग से संभव है बचत और गुणवत्ता — डी.के. सरावगी

रायपुर – डी.के. सरावगी, जो कि सरावगी मेटल सॉल्यूशंस के डायरेक्टर हैं, ने अपनी कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत के बाद देश की कई फैक्ट्रियों का विजिट किया। इन दौरों के दौरान उन्होंने उद्योगों में ले-आउट से जुड़ी गंभीर खामियों को करीब से देखा और इसे औद्योगिक लागत बढ़ने का प्रमुख कारण बताया।

डी.के. सरावगी ने बताया कि किसी भी कंपनी की स्थापना में ले-आउट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यदि फैक्ट्री का ले-आउट वैज्ञानिक और व्यावहारिक तरीके से तैयार किया जाए, तो निर्माण लागत में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। सही ले-आउट के माध्यम से कम जमीन में भी सुव्यवस्थित कंपनी की स्थापना संभव होती है, जिससे भूमि खरीद और निर्माण पर होने वाला अतिरिक्त खर्च बचता है।

डी.के. सरावगी ने आगे बताया कि उचित ले-आउट होने से मैन पावर की आवश्यकता कम हो जाती है। जब कार्य प्रवाह सही दिशा में हो और मशीनों तथा विभिन्न सेक्शन (जैसे – रॉ मटेरियल हैंडलिंग सेक्शन, प्रोडक्शन सेक्शन, फिनिशिंग सेक्शन, पैकिंग सेक्शन आदि) की सही पोजिशनिंग की जाए, तो कम कर्मचारियों में भी अधिक और बेहतर उत्पादन संभव हो पाता है। इसका सीधा असर प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिससे बाजार में कंपनी की साख मजबूत होती है और प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलती है।

डी.के. सरावगी ने यह भी बताया कि उचित ले-आउट होने से मैन पावर की आवश्यकता कम हो जाती है। जब कार्य प्रवाह सही दिशा में हो, तो कम कर्मचारियों में भी अधिक और बेहतर उत्पादन संभव है। इसका सीधा असर प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिससे बाजार में कंपनी की साख मजबूत होती है और प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलती है।

अपने विजिट के दौरान उन्होंने पाया कि कई कंपनियों में ले-आउट पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। जल्दबाजी या बिना विशेषज्ञ सलाह के बनाए गए प्लान के कारण उद्योगों को लंबे समय तक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने उद्योग प्रबंधकों से अपील की कि वे ले-आउट को केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न मानें, बल्कि इसे रणनीतिक निवेश के रूप में देखें।

इसके अतिरिक्त डी.के. सरावगी ने उद्योगों के निर्माण में उपयोग होने वाले लोहे पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री निर्माण में प्रयुक्त लोहे को सैंड ब्लास्टिंग (सेंट ब्लास्टिंग) कराने के बाद ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ताकि उसकी मजबूती और टिकाऊपन बढ़ सके। इससे भविष्य में मेंटेनेंस लागत भी कम होती है।

उन्होंने कहा कि किसी भी कंपनी की स्थापना अच्छी प्लानिंग और दूरदर्शिता के साथ की जानी चाहिए। सही ले-आउट, गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री और विशेषज्ञ के सलाह के माध्यम से उद्योग न केवल अपनी लागत घटा सकते हैं, बल्कि लंबे समय तक सफल और लाभकारी संचालन सुनिश्चित कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button