मौत के बाद 15 दिनों तक ‘गायब’ रहा कोरोना मरीज, बेटी का वीडियो वायरल हुआ तो सच्चाई आई सामनेे…पढ़िए पूरी खबर.

Meerut News: इस संगीन मामले पर मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि जांच कमिटी बना दी गई है. जो जल्द अपनी रिपोर्ट देगी. अगर किसी की भी लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

मेरठ. मेडिकल कॉलेज (Mediacl College) के एक से बढ़कर एक किस्से हैं. ताज़ा किस्सा ये है कि यहां एक कोरोना मरीज़ (Covid Patient) का कोई पता नहीं चल पा रहा है. मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड से 64 वर्षीय मरीज़ के लापता होने से हड़कम्प मचा हुआ है. इस मरीज़ की बेटी ने रोते हुए सीएम से गुहार लगाई है कि उनके पिता का पता लगाया जाए. इस संगीन मामले पर मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि जांच कमिटी बना दी. अब पता चला है कि मरीज की 10 दिन पहले ही मौत हो गई थी और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है. कमेटी की शुरुआती जांच में संतोष कुमार की 23 अप्रैल को मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस भी अपने स्तर स्तर पर जांच कर रही है।

अपने पिता के बारे में बताते हुए शिखा शिवांगी नाम की एक महिला का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में महिला ये बताते हुए नज़र आ रही है कि उनके पापा जिनका नाम संतोष कुमार उम्र 64 वर्ष हैं. उन्हें 21 अप्रैल को कोरोना पॉजि़टिव पाए जाने के बाद एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. तीन मई तक परिजनों को इस मरीज़ के बारे में मालूम होता रहा. महिला ने बताया कि तीन मई की सुबह उनके बारे में आखिरी अपडेट ये थी कि उसके पापा का ऑक्सीजन लेवल 77 है. लेकिन तीन मई की शाम से उनके मरीज़ का कोई अपडेट नहीं मिला. जब महिला अपने पापा के बारे में जानकारी लेने मेडिकल कॉलेज पहुंची. तो उन्हें हर वार्ड में घुमाया गया, लेकिन वो नहीं मिले. महिला से मेडिकल कॉलेज के लोगों ने कहा कि उनके मरीज़ के बारे में उन्हें कुछ नहीं मालूम. महिला को बताया गया कि हो सकता है कि आपका मरीज़ यहां से चला गया हो. अब इस महिला का कहना है कि अगर कोई पेशेंट आईसीयू में भर्ती है और वो अस्पताल छोड़कर चला गया, बेड खाली हो गया तो क्या मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इसका पता नहीं चलेगा. महिला बार बार ये कहते हुए नज़र आ रही है कि उनकी मां कैंसर पेशेंट हैं. वो लोग बहुत मुसीबत में है. उनकी मदद करिए.

मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य का कहना है कि शव का अंतिम संस्कार उसी दौरान संतोष के नाम से कर दिया गया है. इस संबंध में जांच कमिटी बना दी गई है. उन्होंने बताया कि डॉक्टर के एनतिवारी, एसआईसी डॉक्टर ज्ञानेश्वर प्रोफेसर, आर्थो डॉक्टर जायसवाल, प्रोफेसर एंड हेड पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की कमिटी बना दी गई है. कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद अगर किसी की भी लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एक ही नाम के दो मरीज होने से हुई चूक

प्रिंसिपलडॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि कोविड वार्ड में संतोष कपूर और संतोष कुमार नाम के दो मरीज भर्ती थे. संतोष कुमार की मौत 23 अप्रैल को हो गई. एक नाम के दो मरीज होने से स्टाफ को गलतफहमी हो गई और वह संतोष कपूर का हाल संतोष कुमार के परिजनों को देते रहे. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी.

एक और वीडियो वायरल

वहीं मेऱठ मेडिकल कॉलेज का एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मरी़ज़ ज़मीन पर लेटा हुआ दिखाई दे रहा है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि हमारे यहां सारे मरीज़ों को भर्ती किया जा रहा है. अगर मरीज़ के परिजन ये कह रहे हैं कि उनके पेशेंट को भर्ती नहीं किया गया है तो वो गलत है.

वहीं एक अन्य मामले में कैडिला का रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद कुछ लोगों को ठंड के बाद बुखार आया है. मेरठ के सीएमओ का कहना है कि उनके पास इसे लेकर दो जगह से शिकायत आई थी. और इस बाबत शासन को भी लिखा जा रहा है. डॉक्टर अखिलेश मोहन ने बताया कि इंजेक्शन कई लोगों को लगा है लेकिन कुछ ही में ऐसी शिकायत मिली है. ऐसे में लोगों से बोल दिया है कि कैडिला के रैमडेसिविर इंजेक्शन को न लगाएं.

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