
रायगढ़ . भूख लगते ही जब हमें भोजन मिल जाता है, तो हमे पता नहीं चलता कि भूख की तड़प क्या होती है। भूख का अहसास वही कर सकता है, जो वास्तव में भूखा हो, और उसके आस- पास खाने योग्य कुछ भी न हो। ऐसे में सूखी रोटी का एक निवाला भी उसे 56 भोग से भी अधिक स्वादिष्ट लगता है
भूखे के लिए उस निवाले के सामने हीरे जवाहरात भी मूल्यहीन लगने लगते हैं, वह है असली भूख। जो शब्दों से इतर है, और उसका सिर्फ अनुभव किया जा सकता है, पर शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। रायगढ़ जिले की सामाजिक संस्था दिव्य शक्ति की प्रमुख कविता बेरीवाल ने आगे आकर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद गरीबों एवं जरूरतमंदों के बीच अपनी जान की परवाह किए बगैर गत 14 अपै्रल तक अब तक पुलिस एवं निगम टीम के सहयोग से निरंतर खाना वितरण कर रही है
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है
इस भयावह कोरोना काल में जब अपने भी अपने नहीं रहे। पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते टूटते नजर आ रहे हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमण के भय से लोग अपनों से दूर हो रहे हैं। अस्पतालों में मर रहे माता- पिता के पार्थिव शरीर को बेटे व अन्य परिजन लेने नहीं जा रहे। माता- पिता अपने दुधमुहे बच्चे को कोरोना होने पर अस्पताल में छोड़ आते हैं, जिसका सरकारी तन्त्र को अंतिम संस्कार कराना पड़ रहा है। ऐसे विकराल समय में रायगढ़ जिले की एक सामाजिक संस्था दिव्य शक्ति की प्रमुख कविता बेरीवाल जो खुद को बीमारी लगने की परवाह किए बगैर दिन रात एक कर कोरोना मरीजों के परिजनों, सड़क किनारे रहने वाले बेघर लोगों की सेवा करने में व्यस्त है। वह खुद कोरोना गाइड लाइन का पालन तो कर रहे हैं, पर बीमारी होने के भय से वह बीमारों से नफरत नहीं करती।
रायगढ़ जिले में यदि किसी का परिवार कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। उसके घर पर खाने की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। संक्रमण काल में भूखे सो रहे हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। कोरोना संकट से लड़ रहे ऐसे लोगों के लिए शहर की सामाजिक संस्था दिव्य शक्ति की प्रमुख कविता बेरीवाल अपनी टीम के साथ देवदूत बनकर आए हैं, जो संकट की इस घड़ी में जरूरत मंद लोगों के घरों पर 14 अपै्रल से मुफ्त में पौष्टिक भोजन पहुंचा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर सुनामी बनकर आई है। देश व प्रदेश के साथ ही जिले के लोगों की भी इस बीमारी से मौतें हो रही हैं। इस सकंट की घडी में दिव्य शक्ति के द्वारा अपनी जान की परवाह किए बिना जरूरतमंदों को दोनों समय निशुल्क भोजन उपलब्ध करवा रहा है।
दिव्य शक्ति प्रमुख कविता बेरीवाल का कहना था कि आपदा की घड़ी में समस्त सामाजिक संस्था एवं सक्षम लोगों को आगे आकर गरीब एवं जरूरतमंदों की हर संभव मदद करनी चाहिए ताकि हर घर में चूल्हा जल सके और सेठ किरोड़ीमल की इस दानवीर नगरी में कोई भूखा न सोए। साथ ही साथ किसी भी व्यक्ति को कोविड उपचार के लिए संसाधनों की कमी से जूझना न पड़े।

पुलिस जवानों की सुरक्षा का रखा ध्यान
सामाजिक संस्था दिव्य शक्ति प्रमुख कविता बेरीवाल ने गरीब असहाय व जरूरतमंदों में खाना व सूखा राशन का वितरण के साथ-साथ जिलेवासियों को कोरोना के बढ़ते संकमण से बचाए रखने दिन व रात चौक-चौराहों में ड्यूटी में तैनात पुलिस जवानों की भी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मास्क एवं सेनेटाईजर पुलिस जवानों को दिया गया ताकि आमजन की सुरक्षा में लगे कोरोना वारियर्स खुद को महफूज रख सकें।
चहुंओर हो रही प्रशंसा
कोरोनाकाल में लॉकडाउन में जहां गरीब मजदूर वर्गो को दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें जूझना न पड़े इसके लिए विगत 14 अपै्रल से दिव्य शक्ति प्रमुख कविता बेरीवाल ने गरीबों एवं जरूरतमंदों में भोजन एवं जिनके पास राशन कार्ड नही है उनमें सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। श्रीमती बेरीवाल की इस सराहनीय कार्य की अब चहूंओर प्रशंसा होने लगी है।