हिंदू क्रांति सेना लॉकडाउन में रोज़ाना बेसहारा पशुओं को करा रहे भोजन…

दिलीप कुमार वैष्णव@ आपकी आवाज
कोरबा छत्तीसगढ़ – लॉकडाउन की वजह से सभी लोग अपने घरों में कैद हैं। इस स्थिति में बेसहारा पशुओं (गौ माता) की मदद की पुकार कोई सुनने को तैयार नहीं है, जबकि सैकड़ों ऐसे लावारिस मवेशी हैं जो दिनभर भ्रमणशील रहते हैं।

ऐसे ही पशुओं की चिता शहर की प्रसिद्ध समाज सेवकों में से एक हिंदू क्रांति सेना ने की है। उन्होंने भले ही छोटे स्तर पर इसकी शुरूआत की, मगर इसका संदेश काफी व्यापक है। उनसे प्रेरित होकर अन्य कई लोग ने भी इसे शुरू किया है। अब कई लोगो के घरों मे हर रोज पांच-छह रोटियां अलग से बनती हैं।जिसे बेसहारा पशु ग्रहण करते हैं।

घर के बाहर सन्नाटे के बीच इन पशुओं की भूख शांत करने की दिशा में उठाए गए कदम कुछ इस प्रकार प्रचलित हुआ कि सैकड़ों पुरुष एवं महिलाएं इसे नियमित रूप से अपने रूटीन में शामिल कर लिया है। घर से बाहर नहीं निकलना है, इस स्थिति में वे अपने घर के पास से गुजरने वाले गौ माता को 4-5 रोटी और पानी पिलाने का क्रम शुरू किया है, ताकि घर के बाहर से गुजरने वाला कोई बेसहारा पशु भोजन के साथ पानी भी पी सके।

हिंदू क्रांति सेना के अध्यक्ष राहुल चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के क्रम में भूखे पशुओं को देख यह विचार उनके मन में आया। उसके बाद उन्होंने या पहल शुरू की। और कहा कि इस स्थिति में जब मानव जाति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं तो इन बेजुबान पशुओं की रक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है। घर के बाहर दो-चार रोटी रख देने से गली के पशुओं को आहार मिल सकता है।

अमर मेहरा ने कहा कि वह पहले से ही यह कार्य करते आ रहे हैं, पर वर्तमान समय में इसे सबको करना चाहिए ताकि इन बेजुबान पशुओं की भूख और प्यास को शांत किया जा सके।

सारंस शर्मा ने कहा कि (गौ माता) गाय को भोजन कराना हमारे धर्म में सर्वोपरि माना गया है। लेकिन जिस दौर से अभी हम गुजर रहे हैं उसमें हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। अपनी सुरक्षा के साथ आसपास के पशुओं का भी ख्याल रखना जरूरी है। अगर हर घर से दो चार रोटी इनके लिए निकालकर रखी जाए और इनके पानी पीने की व्यवस्था कर दी जाए तो निश्चित रूप से इन बेसहारा पशुओं को बचाने की दिशा में सबसे बड़ी पहल हो सकती है।

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