कोहरौद में चल रहे तालाब गहरीकरण कार्य में 350 मजदूरों को मिल रहा रोजगार

नरवा, गरवा, घुरवा, और बारी योजना से समूह की महिलाएं हो रही है आत्म निर्भर

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।

जनपद पंचायत बलौदाबाजार के ग्राम पंचायत कोहरौद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भाठा तालाब गहरीकरण कार्य चल रहा है। जिसमें प्रतिदिन 350 अकुशल श्रमिकों को कार्य दिया जा रहा है। ग्रामीणों को कोरोना काल में अतिरिक्त आर्थिक लाभ का सशक्त माध्यम बना हुआ है। विगत दो माह से लाॅकडाउन की वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमरा गया था जिसमें ग्रामीणों को अपनी उपयोग के लिये पेयजल आवर्धन, निस्तारी कार्य, के साथ-साथ आर्थिक लाभ मिल रहा है। तालाब गहरीकरण के लिये जिला प्रशासन के द्वारा 10 लाख की स्वीकृति मिला हुआ है। गहरीकरण के साथ-साथ तालाब में पचरी निर्माण किया जाना है। पंचायत सचिव हरिकिशन वर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत कोहरौद में अकुशल पंजीकृत श्रमिक परिवार द्वारा कार्य की मांग के आधार पर भांठा तालाब गहरीकरण कार्य शुरू किया गया है जिसमें वर्तमान परिवेश को देखते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव व सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच एवं पंचों द्वारा आपसी सहमति से वार्ड क्रमांक 1 से लेकर 10 तक के श्रमिको को कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रत्येक पंजीकृत जाब कार्डधारी परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 150 दिनों तक कार्य उपलब्ध कराया जाना इस अधिनियम का उद्देश्य है।

विदित हो कि ग्राम पंचायत में गौठान समिति के अध्यक्ष चैतराम साहू, सचिव हरिकिशन वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से जानकारी दिया गया कि गोधन न्याय योजना के तहत अभी तक 9 सक्रिय पशुपालकों से 2 रूपये प्रतिकिलो की दर से 56135 किलो ग्राम गोबर खरीदी किया गया है। जिसे कोहरौद के एकता समूह एवं सहोद्रा स्व सहायता समूह के सदस्यों को खाद बनाने के लिए दे दिया गया है। खाद बनाने के लिये 18 वर्मी टैंक तैयार कर सभी में गोबर भरा हुआ है। गोधन पालकों को अभी तक 112270 रूपये का भुगतान भी शासन द्वारा उसके खाते में आॅनलाईन कर दिया गया है। अभी तक 10700 किलो ग्राम खाद तैयार कर समूह द्वारा पैंकिग कर परमीट के आधार पर कृषि विभाग को सौप दिया गया है। 38680 खाद तैयार किया जा रहा है। बरसात के पूर्व खाद तैयार कर पैंकिग कर परमीट कटवा लिया जायेगा।
छत्तीसगढ़ शासन के सबसे महत्वपूर्ण सुराजी योजना के तहत चलाये जा रहे योजना छ.ग. के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा बारी के तहत अब गांव-गांव में गठित स्व सहायता समूह के सभी सदस्य आत्म निर्भर हो रहे है। और अधिक आय कमाने का एक जरिया भी बन गया है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गौठान समिति द्वारा डेढ़ एकड़ में भुट्टा, सुरजमूखी, उडद जैसे फसल लगाया गया था जो पककर तैयार भी हो गया है। जिसे समिति द्वारा तुड़वाकर बेचा जा रहा है जिसमें समिति को अतिरिक्त आय का मुनाफा हो रहा है। उक्त लगाये गये फसलों को काटने के बाद सब्जी बाड़ी लगाने की योजना चल रहा है। ताकि सभी समूहों को आत्म निर्भर बनाया जा सके।

सचिव हरिकिशन ने आगे बताया कि गौठान को और अधिक माॅडल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से ग्रामसभा द्वारा अनुमोदन पश्चात तारफेसिंग, बोर खनन, समतलीकरण, शेड निर्माण, सेग्रीगेशन रोड निर्माण भी पूर्ण करा लिया गया है, ताकि वृक्षारोपण के साथ-साथ बाकी विकास एवं चारागाह योजना को विकसीत किया जा सकें।

मनरेगा कार्य को सफल बनाने में सरपंच प्रतिनिधि संतोष फेकर, उपसरपंच सत्यानारायण घृृतलहरे, पंच रतिराम वर्मा, ईश्वर पटेल, क्रांतिलाल वर्मा, कोमल खांडे, सोनचंद गेंडरे, सुरेश कुमार साहू, रामनारायण पैकरा, अघनदास, मेट संजय कोसले, महेन्द्र रात्रे, किरण कुमार, कोटवार द्वारिका दास मानिकपुरी, सोमनाथ, संदीप, मुरली मनोहर पटेल, राजेन्द्र वर्मा, रूपलाल सहित ग्रामवासियों का सहयोग मिल रहा है।

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