
डेल्टा प्ल्स का असर: सोना दिवाली तक 52000 रुपये हो सकता है, अभी निवेश करने का बेहतरीन मौका
घरेलू बाजार में मांग घटने और ब्याज दरों पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व से मिले मिले-जुले संकेतों के चलते सोने की कीमत फिलहाल दो महीने के निचले स्तर पर है। हालांकि, यह गिरावट लंबे समय तक रहने की उम्मीद नहीं है। सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में एक बार फिर से तेजी आएगी।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी ) अनुज गुप्ता ने हिन्दुस्तान को बताया कि सोने की कीमत गिरने में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों कारण जिम्मेदार हैं। आमतौर पर जुलाई में सर्राफा बाजार में सुस्ती होती है क्योंकि इस महीने भारत में शादी-ब्याह का सीजन या कोई बड़ा त्योहार नहीं होता है। इससे सोने की मांग घटती है। ऐसे में मांग बढ़ाने के लिए सर्राफा कारोबारी अभी सोने पर डिस्काउंट दे रहे हैं।
इसके चलते सोने की कीमत में गिरावट है। हालांकि, यह लंबे समय तक नहीं चलने वाला है। दुनियाभर में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट को लेकर बड़ा डर का माहौल बन रहा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर इसी वैरियंट से आने की आशंका जताई जा रही है। अगर, आने वाले दिनों में डेल्टा प्लस के मामले तेजी से बढ़े तो ये दुनियाभर के शेयर बाजार प्रभावित होंगे। बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है। ऐसे में निवेशक एक बार फिर से सुरक्षित निवेश के लिए सोने का रुख करेंगे। इसके चलते दिवाली तक सोना फिर से 52 प्रति दस ग्राम के स्तर को छू सकता है।
निवेश करने का बेहतरीन मौका
सर्राफा बाजार के जानकारों का कहना है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1720 डॉलर प्रति औंस से ऊपर कारोबार न कर रहा हो, तब तक खरीदारी कर सकते हैं। इससे नीचे जब भी सोना आए निवेशक पैसा लगा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में सोने की कीमत 46,500 और 45,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है। इस महीने के दूसरे पखवाड़े में कीमत बढ़ने की उम्मीद है। यानी निवेश पर शानदार रिटर्न की पूरी उम्मीद है।
सोने की वापसी की पूरी उम्मीद
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च), सुगंधा सचदेवा ने कहा कि सोने की कीमत में गिरावट फेड के मिले-जुले संकेतों के चलते आई है। निवेशक फेड के आगे के रुख का आकलन कर रहे हैं। हालांकि, आने वाले महीने में सोने की कीमत फिर से बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इसके पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दिया गया 1.2 खरब डॉलर का इंफ्रा पैकेज और डेल्टा वैरियंट अहम है। डेल्टा वैरियंट के कारण अभी मांग जरूर घटी है लेकिन भविष्य में फिर से मजबूती देखने को मिलेगी।
बीते साल दिया था शानदार रिटर्न
पिछले साल सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया था। हालांकि, इस साल सोने ने अभी तक निवेशकों को निराश ही किया है। इसके वावजूद विशेषज्ञ इस साल भी इसमें सुधार की पूरी उम्मीद की जा रही है। उनका कहना है कि अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो यह सुरक्षित और मजबूत विकल्प है। एक बार फिर सोने की चमक लौटेगी। दिवाली और साल के अंत सोने के दाम अपने पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ सकता है।
रिकॉर्ड हाई से नौ हजार सस्ता सोना
अगस्त 2020 में सोने की कीमत 56 हजार रुपये के पार पहुंच गई थी लेकिन मौजूदा समय की बात की जाए तो सोने की कीमत फिलहाल 47 हजार के आसपास है। यानी, सोना अभी भी अपने रिकॉर्ड हाई से नौ हजार रुपये सस्ता है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि सोना एक बार फिर से नई ऊंचाई छूने की कोशिश करेगा जिससे आन वाले समय में कीमतें बढ़नी तय है।