
पत्थलगांव के बेलडेगी एवं कुनकुरी के गिनाबहार में रोकाछेका कार्यक्रम का हुआ आयोजन…….
किसानों को कृषि सामग्री के वितरण के साथ ही पशुओं का किया जा रहा है टीकाकरण, रोकाछेका कार्यक्रम से खेती किसानी करने में हो रही है आसानी
जशपुरनगर 07 जुलाई 2021/ जशपुर जिले में गोठानों के माध्यम से किसानों के फसलों को सुरक्षित रखने एवं पशुओं को एक स्थान पर ही चारापानी की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ पशुओं के उपचार की व्यवस्था भी की गई है। वर्तमान में जिले के समस्त गांव में किसानों के फसल को पशुओं से बचाने के उद्देश्य को लेकर रोकाछोका कार्यक्रम का आयोजन प्राथमिकता से किया जा रहा है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जिले में रोकाछेका कार्यक्रम का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके तहत् ग्रामवार अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिनके द्वारा नियमित रूप से गांव-गांव में किसानों को अपने पशुओं को चरवाहे को सौंपने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे कि किसानों के फसल पूरी तरह से सुरक्षित हो और उनके फसल को पशुओं से किसी तरह की कोई क्षति न हो सके।
जिसके अंतर्गत जशपुर जिले के विकासखंड पत्थलगांव के ग्राम बेलडेगी एवं कुनकुरी के गिनाबहार सहित अन्य विकासखंडों के गोठानों में भी रोकाछेका कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि, गौठान समूह की महिलाएं, किसान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों को खेती से संबंधित जानकारी प्रदान करने के साथ ही उन्हें कृषि सामग्रियों का वितरण भी किया गया। बेलडेगी गोठान में 20 मवेशियों का उपचार, 85 मवेशियों का टीकाकरण, 8 बधियाकरण, 15 हितग्राहियों निःशुल्क दवाईयों का वितरण तथा 6 किसानों को कृमिनाशक दवाई वितरित की गई। इसके अलावा सभी किसानों से अपील भी की गई कि वे अपने मवेशियों को चरवाहे को ही सौंपे।
कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन एवं गोठान समिति का किसान भी सराहना कर रहे है। किसानों का कहना है कि यह कार्यक्रम न सिर्फ उनके फसलों को सुरक्षित कर रहा है अपितु उनके पशुओं की भी सुरक्षा के साथ बेहतर चारे पानी की सुविधा उपलब्ध हो रही है।
किसान कहते है कि इस कार्यक्रम के हो जाने से वे अब निश्चित होकर अपने खेतों में पूरा समय दे पा रहे है। किसान बताते है कि पहले उन्हें अपने खेती के साथ-साथ मवेशियों को चराने के लिए अलग से समय निकालना पड़ता था। परंतु रोका छेका कार्यक्रम के तहत् अब वे अपने पशुओं को सीधे चरवाहे को सौप देते है। जिससे उन्हें अपने खेतों में फसल बुआई के साथ ही अन्य कामों के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। किसानों का कहना है कि गोठान में उनके पशुओं को देखरेख एवं उनके आहार के लिए चारागाह बनाया गया है। साथ ही गोठान में पशुओं का उपचार भी पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा निःशुल्क किया जाता है। गोठान में पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा उनके पशुओं का टीकाकरण किया गया है। जिससे उनके मवेशियों को अनेक प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखा सके।