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हिंदी दिवस पर पूर्णिमा तिवारी ने दी प्रस्तुति “माखनलाल चतुर्वेदी की श्रेष्ठ कविता पुष्प की अभिलाषा”…

बिलासपुर –:संतोष ठाकुर की कलम से तखतपर।पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का नाम छायावाद की उन हस्तियों में से है जिनके कारण वह युग विशेष हो गया।उनकी रचना पुष्प की अभिलाषा कविता को हिंदी दिवस के अवसर पर शिक्षिका पूर्णिमा तिवारी ने दी प्रस्तुति। “पुष्प की अभिलाषा” –
चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध
प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर
हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक!
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक!

कवित्री पूर्णिमा तिवारी द्वारा गया कविता

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