
ज्यादा सैलरी वाले लोग हो जाएं सावधान, इस जानलेवा बीमारी को दे रहे न्योता!
नई दिल्ली: आपने कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा कि वो तो काम के बोझ के मारे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये काम का बोझ पूरी दुनिया में हर साल सच में 19 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है.
ये बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (International Labour Organization) के एक अध्ययन में सामने आई है. इस स्टडी में पता चला कि वर्ष 2016 में पूरी दुनिया में 19 लाख लोग काम के दौरान पैदा होने वाली परेशानियों की वजह से मारे गए. इनमें से करीब साढ़े सात लाख लोगों की मौत हार्ट अटैक से या फिर स्ट्रोक की वजह से हुई जबकि करीब साढ़े 4 लाख लोगों की मौत दफ्तर में होने वाले वायु प्रदूषण की वजह से हुई. जबकि नौकरी के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं की वजह से साढ़े तीन लाख लोग मारे गए.
काम का दबाव ले रहा जान?
इन 19 लाख मौतों में से करीब साढ़े सात लाख मौतों के पीछे जरूरत से ज्यादा काम का दबाव और लॉन्ग वर्किंग आवर (Long Working Hours) को माना गया है.
WHO के ही आंकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें ISCHEMIC (इस्कमिक) हार्ट की बीमारियों की वजह से होती है. इस बीमारी की वजह से दुनिया में हर साल 90 लाख लोग मारे जाते हैं. आज के दौर में ये बीमारी उन लोगों को ज्यादा होती है, जिनका ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है या फिर जिन्हें हाई कोलेस्ट्रोल, मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियां भी होती हैं.
कई घंटों तक ऑफिस में बैठकर लगातार काम करना, काम का तनाव लेना और व्यायाम न करने की आदत को आजकल इन बीमारियों की सबसे बड़ी वजह माना जाता है.
आपकी सैलरी से है हृदय रोगों का सीधा कनेक्शन?
आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन हृदय रोगों का सीधा कनेक्शन आपकी आय से भी है. जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है और जीवन में समृद्धि आती है वैसे-वैसे हृदय रोगों की आशंका भी बढ़ जाती है. WHO के मुताबिक जिन देशों में लोगों की आय ज्यादा है वहां सबसे ज्यादा मौतें SCHEMIC (इस्कमिक) हार्ट डिजीज और ALZHEIMER’S DISEASE की वजह से होती हैं. जबकि कम आय वाले देशों में ये दोनों बीमारियां मौत की सबसे बड़ी वजह नहीं हैं. कम आय वाले देशों में सबसे ज्यादा मौतें शिशुओं को होने वाली बीमारियों की वजह सो होती हैं और इन देशों में मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह सांसों में होने वाला संक्रमण है.