एक दिन में इतने कप ही पीनी चाहिए ग्रीन टी, वरना होगा नुकसान; जानिए पीने का सही समय और तरीका

ऐसे बनाई जाती है ग्रीन टी

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन लिटरेचर रिव्यू के अनुसार, ग्रीन टी का प्रोडक्शन करने के लिए, ताजी कटी हुई पत्तियों को फर्मेंटेशन को रोकने के लिए जल्द ही स्टीम किया जाता है, जिससे एक ड्राई और स्टेबल प्रोडक्ट मिलता है. भाप पत्तियों में कलर पिगमेंटेशन को तोड़ने के लिए जिम्मेदार एंजाइमों को नष्ट कर देती है और रोलिंग और सुखाने के प्रोसेस के दौरान चाय को अपना रंग बनाए रखने की अनुमति देता है.

एक दिन में इतने कप पी सकते हैं ग्रीन टी

ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स से भरी हुई है और इसमें कैफीन होता है. पूरे दिन में 3 कप से ज्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए, इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. ज्यादा मात्रा में कैफीन से उल्टी, दस्त, पेट खराब और टॉयलेट की समस्या हो सकती है. खाना खाने से तुरंत पहले इसे पीने से कब्ज, पेट-दर्द या मिचली की समस्या हो सकती है. कई बार सोने से पहले ग्रीन टी पीने से नींद भी नहीं आती. इसलिए दिन में एक-दो कप ही ग्रीन टी पीने की सलाह दी जाती है. IBS से पीड़ित लोगों को ग्रीन इसे पीने से बचना चाहिए.

ये हैं ग्रीन टी पीने के फायदे

  1. ग्रीन टी सबसे ज्यादा फायदा वजन घटाने में करती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है. ग्रीन टी पीने से शरीर में फैट की मात्रा कम होती है. ग्रीन टी पीने के बाद एक्सरसाइज करने से फैट ऑक्सीडेशन बढ़ता है, जिससे आपका वजन कंट्रोल रहता है.
  2. ये स्किन इन्फेक्शन में भी फायदेमंद होती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स काफी मात्रा में होते हैं. जिससे स्किन के डैमेज सेल्स की भरपाई करने में मदद मिलती है. इससे त्वचा की सूजन की समस्या भी दूर होती है साथ ही स्किन टाइटनिंग और मुहांसों की समस्या को भी दूर करती है.
  3. रोजाना ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा भी कम होता है. इसमें पॉलीफिनॉल्स होता है, जो ट्यूमर और कैंसर सेल्स रोकने में मदद करता है. ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में ग्रीन टी मदद करती है.
  4. नियमित रूप से ग्रीन टी पीने से धमनियों की ब्लॉकेज दूर करने में भी मदद मिलती है. ग्रीन टी बॉडी से बेड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करती है. इससे हार्ट की समस्या भी कम होती हैं.
  5. एक्सपर्ट का मानना है कि इसके सेवन से मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है. ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैफीन दिमाग के लिए अवरोधक न्यूरोट्रांसमीटर की प्रक्रिया को रोकने का काम करता है. इसे पीने से याददाश्त अच्छी होती है. ग्रीन टी में मौजूद एमिनो एसिड, दिमाग के केमिकल मैसेंजर गाबा के लेवल को भी सुधारता है

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