14वें, 15वें वित्त और रेत राॅयल्टी में करोड़ो का भ्रष्टाचार, पूर्व सरपंच-सचिव के खिलाफ तत्कालिन पंचायत प्रतिनिधियों ने पूनः किये शिकायत 

शिकायत के बावजूद जांच में नहीं पहुंच रहे है जनपद के अधिकारी, सचिव को मिल रहा अधिकारियों का संरक्षण
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
एक ओर सरकार जहाँ गरीब जनता को परेशानी से निजात दिलाने के लिए दरवाजे खोलती है, योजनाओं की बाढ़ लगा देती है, ताकि आमजन को परेशानी से मुक्ति मिल सके। वही, दूसरी तरफ सरपंच और सचिव शासन से मिले हुए राशि का किस प्रकार का बंदरबाट करते है जिनकी बानगी साफ तौर पर बलौदाबाजार विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम तुरमा में देखी जा सकती है। यंहा के तत्कालिन पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों ने शिकायत के दो माह बाद फिर से कलेक्टर के पास ज्ञापन सौंपकर जांच कार्यवाही की मांग किये है। पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों का आरोप है कि तुरमा पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर पूरी योजना की राशि को डकार लिया और फर्जी तरीके से 14वें व 15वें वित्त तथा रेत रायल्टी की राशि मिलाकर करोड़ो रूपयों का भ्रष्टाचार कर बंदरबाट कर दिया। जिसकी शिकायत वर्तमान पंचायत स्थानापन्न सरपंच रूपा पैकरा, प्रतिनिधि धन्नूलाल, भूपेन्द्र टण्डन, खोलबाहरा पटेल, माखनलाल बंजारे, जगेश्वर, लकेश्वर, रतीराम साहू, राजू पैकरा, चुड़ामणी देवांगन, जनकराम, गोपाल, चंदराम साहू, महेत्तर पैकरा, राजकुमार कंवर, कमलेश देवांगन, सुनाराम, खोलबाहरा पटेल सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने 05 अक्टूबर 2021 को जनपद और जिला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कलेक्टर बलौदाबाजार के पास किया गया। पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए शिकायत में बताया गया है कि पूर्व सरपंच पे्रमलाल साहू और सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा गौढ़ खनिज की राशि 28 लाख 52 हजार रूपये का फर्जी बिल बनाकर भ्रष्टाचार कर गबन किया गया।
रेम्प निर्माण और अन्य कार्यो पर हुआ फर्जी भुगतान
बेशरम परिवाहन एवं रेम्प निर्माण के नाम पर 14 लाख रूपये का फर्जी भुगतान किया गया। जबकि उक्त कार्य रेत ठेकेदार के द्वारा कराया जाना था। वही परिवहन कर्ताओं के नाम पर फर्जी बिल लगाकर गबन किया गया, जबकि इनमें से कुछ लोग परिवहन ही नहीं किये है। इसी प्रकार गौढ़ खनिज मद से गौठान में तार फेसिंग एवं अन्य कामों पर 14 लाख 52 हजार 4 सौ 92 रूपये का भुगतान दर्शाया गया है जो कि पूरी तरह से फर्जी है। उक्त गोठान में तार फेसिंग के लिए 3 लाख रूपये का फर्जी बिल डाला गया है। तार फेसिंग का काम 14वें वित्त की राशि से कराया गया है। इस प्रकार दोनो मद से व्यय भुगतान बताकर लाखो रूपये का गबन और भ्रष्टाचार किया गया। उक्त कामों को लेकर पंचायत बैठक में पंचायत प्रस्ताव कराया गया है और न ही अनुमोदन किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि इस प्रकार पूर्व सरपंच और सचिव द्वारिका प्रसाद के द्वारा फर्जी राशि आहरण करने की होड़ में लाखों रूपयों का जमकर भ्रष्टाचार किया गया।
राॅयल्टी के नाम पर 72 लाख का गबन, शिकायत जांच पर खानापूर्ति
पंचायत प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव के द्वारा रेत रायल्टी के नाम पर 72 लाख रूपये का गबन किया गया। जिसकी जांच अभी तक चल रहा है। वही, जांच के नाम पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा केवल खानापूर्ति किया जा रहा है, कछुवा गति से जांच होने की वजह से पूर्व सरपंच और सचिव के हौसले बुलंद हो गए है, शायद यहीं वजह है कि सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा बिना रूके एक बाद एक फर्जी तरीके राशि आहरण किया गया।
    राशि मिलने के बावजूद पंचायत के खाते में नहीं किया गया समायोजन
पंचायत प्रतिनिधियों ने दूसरे शिकायत में बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले ने 2017-18 में शौचालय निर्माण के लिये समायोजन करने को बताकर 8 लाख 19 हजार रूपये एवं गौण खनिज की राशि 2 लाख 50 हजार रूपये समायोजन के नाम पर राशि का आहरण किया गया। जबकि जनपद पंचायत बलौदाबाजार शौचालय निर्माण की पूरी राशि ग्राम पंचायत के खाते में भेज दिया गया है। शौचालय निर्माण की राशि मिलने के बावजूद 10 लाख 69 हजार रूपये को पंचायत के खाते में समायोजन नहीं किया गया है।
लाखों रूपयो का किया गया फर्जी भुगतान, पंचायत प्रतिनिधियों ने किया शिकायत
वर्ष 2019-20 मंे द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा ग्राम पंचायत के बिना प्रस्ताव, प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासनिक स्वीकति के बगैर फर्जी तरीके से पंचायत की राशि का आहरण किया गया। जिसमें पैरा परिवहन 2 लाख 79 हजार, तार फेसिंग 5 लाख 50 हजार, नाली निर्माण 1 लाख 88 हजार रूपये, शिक्षक व्यवस्था के नाम पर 1 एक लाख 46 हजार रूपये, धुलाई-पटाई के नाम पर 1 लाख 20 हजार रूपये सहित अन्य भुगतान बताकर फर्जी तरीके से पूर्व सचिव द्वारिका धिड़ले और पूर्व सरपंच के द्वारा राशि का आहरण किया गया। जिसकी जांच के लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बलौदाबजार को शिकायत आवेदन दिया गया। वही, जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जनपद में आकर मिलने की बात कहते है, वही दूसरी तरफ आॅफिस में जाने पर खुद जिम्मेदार अधिकारी नदारद रहते है।
बिना अनुमोदन के लाखो रूपयों का फर्जी भुगतान
इसी तरह वर्ष 2020-21 में 14वें वित्त से 8 लाख रूपये तथा 15वें वित्त योजना से 4 लाख रूपये पंचायत के खाते में मिला है। जिसे सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले के द्वारा बिना प्रस्ताव किये और पंचायत प्रतिनिधियों के बिना जानकारी के कोविड के नाम पर फर्जी तरीके से 9 लाख 66 हजार रूपये का व्यय, परिवहन के नाम पर दो लाख 49 हजार रूपये तालाब सफाई के नाम पर 1 लाख रूपये, आंगनबाड़ी भवन निर्माण में समायोजन के नाम पर 50 हजार रूपये फर्जी भुगतान बताकर राशि आहरण किया गया। उक्त राशि को आहरण करने संबंधी ग्राम सभा में कोई अनुमोदन नहीं किया गया।
पूर्व सरपंच रम्हला ध्रुव और सचिव ने फर्जी बिल लगाकर किया राशि का आहरण
स्वच्छ भारत मिशन योजनांर्गत ग्राम पंचायत को 1 लाख 40 हजार रूपये दिया गया। उक्त सम्पूर्ण राशि को पूर्व सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले और सरपंच श्रीमति रम्हला ध्रुव के द्वारा फर्जी तरीके से राशि का आहरण किया गया। मुलभुत की जमा राशि में से 42 हजार 2 सौ रूपये का स्टेशनरी एवं भुगतान बताकर फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया। गांव के विकास की जिम्मेदारी सरपंच और सचिव के ऊपर होती है, इसके लिए पंचायत को 14वें और 15वें वित्त और मुलभूत के तहत राशि उपलब्ध कराती है। लेकिन सरपंच-सचिव की बुरी नजर पड़ जाये तो कैसे विकास संभव हो सकता है। ग्राम पंचायत तुरमा की भ्रष्टाचार की लिस्ट काफी लम्बी है, पूर्व सरपंच पे्रमलाल साहू तथा पूर्व सचिव द्वारिका प्रसाद धिड़ले धीरे-धीरे कर गांव की विकास कार्यो के लिए आई हुई राशि को जमकर बंदरबाट किया गया। वही, उक्त सभी प्रकार के फर्जी आहरणों पर पंचायत प्रतिनिधियों ने जांच की मांग करते हुए राशि वसुलने की मांग किया गया।
इनका कहना है
इस मामले में जनपद पंचायत बलौदाबाजार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल कुमार झा से चर्चा करने पर उन्होने रटा रटाया हुआ शब्द कहा, ऑफिस में आकर मिलो, जानकारी ऑफिस में मिलेगा।
अनिल कुमार झा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जनपद पंचायत बलौदाबाजार

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