इस साल दंतेश्वरी मंदिर का पट खुला पर आने की मनाही, फिर भी पैदल और घुटनों के बल पहुंचे श्रद्धालु, प्यासे श्रद्धालुओं के लिए कलेक्टर खुद पानी लेकर पहुंचे

दंतेवाड़ा. कोरोना के कारण पिछले साल दंतेश्वरी मंदिर का पट बंद रखा गया था. इस साल मंदिर कपाट खोलने के प्रशासनिक आदेश के बाद दंतेश्वरी माँ के भक्तों में दर्शन की आस जगी. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर श्रद्धालुओं की पदयात्रा पर रोक लगा दी गई. श्रद्धा के आगे नतमस्तक श्रद्धालु इसके बाद भी दंतेश्वरी मैया की दर्शन करने पैदल और घुटनों के बल पहुँच गए. पदयात्रा पर मनाही के चलते रास्ते में कहीं भी भोजन-पानी की व्यवस्था के लिए पंडाल नहीं लगाया गया है. जिसके चलते श्रद्धालु रास्तेभर परेशान नजर आए. भूखे-प्यासे श्रद्धालुओं की खबर जब कलेक्टर दीपक सोनी तक पहुंची तब वे खुद ही अपनी गाड़ी में पानी के बोतलें भरकर श्रद्धालुओं तक पहुँच गए. श्रद्धालुओं ने कलेक्टर को अपनी समस्याएं गिनाई. लेकिन कलेक्टर ने प्रशासनिक व्यवस्था का हवाला देते हुए श्रद्धालुओं को समझाया. कलेक्टर ने मेडिकल किट की भी व्यवस्था करवाई.

पंचमी के दिन एकाएक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती गई. इस दौरान कई भक्त गीदम स्थित बाबा रामदेव समिति के कार्यालय भी पहुंचे. यहां उन्होंने समिति के सदस्यों से पूछा कि इस बार यहां खाने की कोई व्यवस्था नहीं है क्या? हम जगदलपुर से निकले हैं, रास्ते में कुछ भी नहीं खाया. इतने में ही बाबा रामदेव मंदिर समिति के सदस्यों ने आनन-फानन में मंदिर के सामने पंडाल लगाया और तुरंत श्रद्धालुओं के लिए भोजन और चाय की व्यवस्था की. साथ ही जो श्रद्धालु उपवास पर थे उनके लिए फलों की भी व्यवस्था की. मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि, पिछले कई सालों से शारदीय नवरात्रि के समय निस्वार्थ भाव से माता के दरबार आने वाले भक्तों के लिए खाने व चाय की व्यवस्था करते हैं. इस बार कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन ने पंडाल लगाने और खाने की व्यवस्था करने की मनाही की थी. मां दंतेश्वरी के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालु जब बाबा मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने खाने के लिए पूछा. उसके बाद पंचमी के दिन ही भक्तों के लिए सारी व्यवस्था की गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button