
रायगढ़। राज्य शासन की मंशानुरूप तथा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर जिला पंचायत रायगढ़ द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” के अंतर्गत महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मंगलवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में संपन्न हुई।
कार्यशाला में स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को “एलआईसी बीमा सखी” योजना की विस्तृत जानकारी दी गई। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को जीवन बीमा निगम से जोड़कर उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना और उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित करना है।
योजना के तहत तीन वर्षों तक स्टाइपेंडरी स्कीम का प्रावधान किया गया है — प्रथम वर्ष 7000 रुपये, द्वितीय वर्ष 6000 रुपये और तृतीय वर्ष 5000 रुपये प्रतिमाह मानदेय के रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा, बीमा सखियों को आकर्षक कमीशन का भी लाभ मिलेगा। निर्धारित अवधि पूर्ण होने के पश्चात पात्र बीमा सखियों को एलआईसी एजेंट के रूप में कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
बीमा सखी बनने के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास और आयु 18 वर्ष से अधिक होना आवश्यक है। कार्यशाला में भारतीय जीवन बीमा निगम रायगढ़ के डीओ, एबीएम और बीमा सखी नोडल अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने महिलाओं को योजना की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर रायगढ़ जिले के सातों जनपद पंचायतों से आई लगभग 90 स्व-सहायता समूहों की “दीदियों” ने भाग लिया और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
 
					












