छत्तीसगढ़न्यूज़

पुसौर में धान जप्ती की कार्यवाही,या फिर षड्यंत्र की बू?, किसान ने लगाया सही जांच नहीं करने का आरोप…?

पुसौर : शासन द्वारा अवैध धान के आवक को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने मुख्य रूप से कई विभाग कों जिम्मेदारी दी गई है जिसमें तहसीलदार, फुड विभाग, मंडी विभाग, कृशि विभाग सहित इनके सहयागी लोग है जो धान खरीदी चलते समय इनकी टीम धान के अवैध आवक को रोकने के लिए लगातार कार्यवाही की जाती रही है।

इसी कडी में कुछ दिन पहले का मामला बताया जा रहा है जहाँ टीम ने बड़े हरदी के कुछ किसानों के घर मे रहे धान को जप्ती बनाया
अब संबंधित किसानों का कहना था कि जप्ती किये गये धान का पुरी तरह से पतासाजी किया जाय इसके लिये आपको खेत में जाकर कटे हुये धान और घर में रखे धान को मिलान करना होगा जिसमें उक्त टीम ने शाम का समय है बोलकर पल्ला झाड़ दिया और वहीं अपनी कार्यवाही को पुरी बताते हुये अपनी शाबाशी खुद ही ले ली औऱ समाचार भी प्रकाशित करवा दिया।

उक्त वाक्या से संबंधित किसान बहुत ही दुखी होकर उक्त जांच टीम के खिलाफ उच्चाधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है साथ ही कार्यवाही की भी मांग की है। जानकारी के अनुसार जिन किसानों के धान जप्ती बनाये गये उसमें चैनसिंह पटेल, मुकुंद साव, योगेष साव के साथ ही एक किसान मुक्तेष्वर पंडा हैं जिनके कुल 6 भाईयों का 60 एकड़ जमीन है जिसे अधिया देकर ये अपना कृषि कार्य करते रहे हैं। आये दिन धान पुरा बिक्री न होने तथा घर में चावल बनाने के लिये ये अपने धान को घर में रखे रहते हैं लेकिन उक्त जांच टीम जिस धान को जप्ती बनाया वह नया धान अपने ही खेत का था जप्ती बनाया।

जानकारों की माने तो मुक्तेष्वर पंडा ग्राम पंचायत बड़े हरदी के सरपंच रह चुके हैं साथ ही जनपद सदस्य, मण्डल उपाध्यक्ष एवं वर्तमान बड़े हरदी सोसायटी के अध्यक्ष नियुक्त है इतने जिम्मेदार पद में होने के बावजुद भी इनके घर जाकर जांच दल द्वारा धान का जप्ती बनाना किसी को हजम नहीं हो रहा है। मुक्तेष्वर पंडा ने तहसीलदार नेहा उपाध्याय द्वारा जप्ती बनाते समय बार बार जिरह किया कि आपका इस तरह की कार्यवाही मेरे छवि को दागदार कर रहा है इसके लिये मेरे खेत, खलिहान व घर में रखे धान को मिलान कर ही अपनी जप्ती कार्यवाही को अंतिम रूप दे जिसपर इन्हौने आधे पर ही कार्यवाही को अंतिम रूप दिया जिससे मेरे विरूद्ध हुये शडयंत्र की बु आ रही है।

उल्लेखनीय है कि जप्ती बनाने के तुरंत बाद तहसील के लोगों द्वारा पुनः संबंधित किसानों को उनका अपना अपना धान दे दिया गया जिसे पंचनामा के जरिये इसकी पुष्टि की गई है।

यहां ये बताना लाजिमी होगा कि किसी झुठे मुखबिर के सुचना जरिये इस तरह की कार्यवाही जहां जांच दल की किरकिरी हो रही है वहीं शडयंत्रकारी उक्त झुठे मुखबीर के मुंह पर कड़ा तमाचा है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button