8 साल की उम्र में ISIS ने थमा दी AK-47, 13 वर्षीय अब्दुल्ला ने बताया- क्या सिखाता है ‘आतंक का स्कूल’

नई दिल्ली: ISIS में बर्बरता की कहानियों में आज मामला एक 13 वर्षीय लड़के का है, जिसे इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (ISIS) आतंकियों ने तब से अपने कब्जे में रखा, जब से वो 8 वर्ष का था। अब्दुल्ला नाम का ये बच्चा मूलत: तो पाकिस्तान का निवासी है, किन्तु पला-बढ़ा लंदन में। बाद में अब्दुल्ला को उसके अब्बू-अम्मी छोटी बहन और 2 भाइयों के साथ सीरिया ले आए। आज वो सब मर चुके हैं और ये अकेला लड़का डिटेंशन कैंप में है, जहाँ से वह वापस अपने ब्रिटेन वाले घर लौटना चाहता है।

अब्दुल्ला की कहानी पत्रकार एंड्रियू ड्रूरी के जरिए सामने आई है, जिन्होंने जून की शुरुआत में अपनी आने वाली फिल्म ‘डेंजर जोन’ के लिए वहाँ जाकर अबदुल्ला के साथ बात की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल्ला ने बात करते हुए बताया कि वह फुटबॉल क्लब चेल्सी (chelsea) और फास्टफूड चेन मैकडोनल्ड (mcdonalds) को पसंद करता है। अब्दुल्ला के मुताबिक, उसके परिवार के ज्यादातर लोग मार्च 2019 में अमेरिकी हवाई हमलों में मारे गए। उसे अब कुर्द द्वारा संचालित होरी सेंटर में रखा जा रहा है। ये एक प्रकार से उन लड़कों के लिए पुनर्वास सुविधा है, जो ISIS की हिंसा में आरोपित हैं।

अब्दुल्ला अपनी ठीक-ठाक अंग्रेजी में ये बताने का प्रयास करता है कि उसे सीरिया में आए 1 साल से भी कम वक़्त हुआ था, जब उसे एके-47 राइफल का इस्तेमाल करना सिखाया गया। वह ये भी बताता है कि उसने कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया, किन्तु ISIS चाहता था कि वह और अन्य बच्चे ऐसा करें। अब्दुल्ला उन बच्चों में से एक है, जिन्हें ISIS ने ‘खिलाफत कब्स’ के रूप में बिलकुल वैसे ही बढ़ावा दिया, जैसे हिटलर ने युवाओं को दिया था। उसने बताया कि जब वह पहली दफा ISIS स्कूल गया तो उसे सिखाया ये गया था कि हथियार किस तरह चलाना है। यह बात अब्दुल्ला ने अपनी अम्मी को बताई थी।

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