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किसानों के साथ 7वें दौर की वार्ता के बाद बोले कृषि मंत्री- बिजली और पराली जलाने संबंधी कानून पर बनी सहमति, जारी रहेगी MSP

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की बिजली को लेकर यह मांग थी कि सिंचाई के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो सब्सिडी दी जाती है वह आगे भी जारी रहे. किसानों की इन मांगो को मान ली गई है.

केन्द्रीय कृषि कानूनों पर पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक्त से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास हजारों की संख्या में जुटे किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच करीब पांच घंटे की लंबी बैठक हुई. इस बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ चार में से पर्यावरण समेत 2 मुद्दों पर सहमति बनी है. पराली और बिजली बिल को लेकर किसान संगठनों की मांगें मान ली गई है और अब अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी की दोपहर 2 बजे बुलाई गई है.

सरकार ने मानी किसानों की 2 मांगें

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की बिजली को लेकर यह मांग थी कि सिंचाई के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो सब्सिडी दी जाती है वह आगे भी जारी रहे. किसानों की इन मांगों को मान ली गई है. इसके साथ ही, पराली को लेकर भी किसानों की मांगें मानी गई है.

नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि एजेंडे में से 50 प्रतिशत चीजों पर सहमति बन गई है. दोनों पक्षों के बीच अच्छे माहौल में बीतचीत हुई. उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठन दो नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से यह पहले ही कहा जाता है रहा है कि एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगी.

महिलाओं और बुजुर्गों के घर भेजे किसान

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों ने आंदोलन के दौरान पर्याप्त अनुशानस बनाए रखा, इस बात की उन्हें खुशी है. उन्होंने कहा कि वे किसानों से एक बार फिर से अपील की है कि दिल्ली की कड़ाके की ठंड को देखते हुए आंदोलन में बैठे महिलाओं और बुजुर्गों को घर भेज दे.

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