
जांच टीम गठित, रोहित मित्तल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, FIR की प्रक्रिया शुरू
मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
उड़ीसा रोड स्थित ग्राम जामटिकरा में एक गुप्त सूचना के आधार पर वन मंडल रायगढ़ की टीम ने एक गोदाम पर छापा मारा, जहां भारी मात्रा में खैर और तेंदू लकड़ी जब्त की गई। वन परिक्षेत्र अधिकारी लीला पटेल के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में लाखों कीमती लकड़ियाँ जप्त की गईं।
गोदाम मालिक और किरायेदार की पहचान, संपर्क विफल
जांच में सामने आया कि यह गोदाम नरेश अग्रवाल के नाम पर है, जो एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं और उन्होंने यह संपत्ति किराए पर रोहित मित्तल को दी थी। वन विभाग की टीम ने जब रोहित मित्तल से संपर्क करने की कोशिश की, तो वह उपस्थित नहीं मिला।
फर्जी दस्तावेज और संदिग्ध ट्रक से खुल रहा मामला
जब्त की गई लकड़ी के संबंध में जो कागजात पेश किए गए, वह प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए। ये दस्तावेज उड़ीसा के बरगढ़ वन मंडल के नाम पर थे, लेकिन जब सत्यापन हेतु उन्हें बरगढ़ वन मंडल भेजा गया, तो अधिकारियों ने उन्हें फर्जी बताया। इसके साथ ही, घटनास्थल से जब्त किया गया ट्रक अंबिकापुर नंबर का था, जिसका कोई वैध रिकॉर्ड वन विभाग के पास नहीं है। ट्रक मालिक अब तक सामने नहीं आया है, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?
वन विभाग के अनुसार, खैर लकड़ी रायगढ़ के जंगलों में नहीं पाई जाती, यह अंबिकापुर जैसे क्षेत्रों की खास लकड़ी है। इस बात से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह लकड़ी अवैध रूप से किसी और क्षेत्र से लाकर यहां छिपाई गई थी।
जांच टीम गठित, बड़ा रैकेट सामने आने की आशंका
वन विभाग ने इस मामले की गहराई से जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जिसकी अगुवाई सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी शरद बेक करेंगे। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि यह अवैध लकड़ी कब से जमा की जा रही थी, इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या यह कोई बड़ा रैकेट है।
FIR की प्रक्रिया शुरू, रोहित मित्तल पर होगी दोहरी कार्रवाई
वन विभाग के अनुसार, रोहित मित्तल द्वारा प्रस्तुत किए गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनके खिलाफ दो धाराओं में FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है—पहला, विभाग को फर्जी कागजात देकर गुमराह करने का प्रयास और दूसरा, अवैध लकड़ी के भंडारण में सीधी भागीदारी।