बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में 5 डे वर्किंग खत्म, अब हफ्ते में 6 दिन काम — कर्मचारियों में नाराजगी, डिप्टी सीएम ने दिया जवाब

बिना विचार-विमर्श लिया गया फैसला — कर्मचारी संगठनों ने जताया विरोध

छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका, 5 डे वर्किंग खत्म

छत्तीसगढ़ सरकार ने सप्ताह में पांच दिन काम की व्यवस्था को समाप्त कर अब छह दिन कार्यालय में उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। इस फैसले से सरकारी दफ्तरों में हलचल तेज हो गई है और कर्मचारी संगठनों ने इसे एकतरफा और कर्मचारी विरोधी कदम बताया है।

कर्मचारी संघ का आरोप — बिना विचार के लिया गया फैसला

राज्य अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह फैसला पूरी तरह प्रोपेगेंडा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी संवाद या चर्चा के यह कदम उठाया गया, जो कर्मचारियों के हितों और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के खिलाफ है।

डिजिटल युग में भी बढ़ाया गया कार्यदिवस — क्या यह जायज है?

कमल वर्मा ने कहा कि वर्तमान दौर में ज्यादातर कार्य ई-ऑफिस और मोबाइल के माध्यम से होते हैं, और कर्मचारी सप्ताहांत में भी डिजिटल रूप से जुड़े रहते हैं। ऐसे में हफ्ते के दो दिन की छुट्टियां ही उनके लिए मानसिक संतुलन बनाए रखने का साधन हैं।

सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

संघ ने सरकार से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि इसे लागू किया गया तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। वहीं, डिप्टी सीएम का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि “फैसला जनहित में है, लेकिन कर्मचारियों की राय भी महत्वपूर्ण है। हम सभी पक्षों से बातचीत के लिए तैयार हैं।”

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