BJP में नेताओं के बगावती ‘तेवर’! बागी बिगाड़ेंगे कांग्रेस का समीकरण! समय रहते कौन होगा सफल

रायपुर। प्रदेश में 15 नगरीय निकायों के 370 वार्डों के लिए 16 सौ 66 अभ्यार्थियों ने नामांकन जमा किया है..इसमें से कांग्रेस-भाजपा से बागी होकर नामांकन भरने वालों की संख्या भी काफी ज्यादा है…अगर नगर सरकार बनानी है तो वक्त रहते इन बागियों को मनाना बेहद जरूरी है जिसके लिए दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता अपने-अपने इलाके में सक्रिय हो चुके हैं…भाजपा का दावा है कि निकाय चुनाव में उनके खेमें से कहीं ज्यादा बागी कांग्रेस पार्टी में हैं…जबकि कांग्रेस का दावा है सबसे बात जारी है…जल्द सबको मना लिया जाएगा…बड़ा सवाल ये कि कौन इसमें कामयाब हो पाता है…

 

छत्तीसगढ़ के 4 नगर निगम, 5 नगर पालिका और 6 नगर पंचायतों में 20 दिसंबर को मतदान है..इसके लिए नामांकन का काम पूरा हो गया है..भिलाई, रिसाली, चरौदा और बीरगांव नगर निगम में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के कई बागी नेता और कार्यकर्ता नामांकन भर चुके हैं…जाहिर है अब इन बागियों को मनाना दोनों पार्टियों के वरिष्ठों के लिए बड़ी चुनौती है..नामांकन वापसी के अंतिम दिन याने 6 दिसंबर से पहले…इन बागियों को पार्टी के पक्ष में लाना होगा… भिलाई नगर निगम के 70 वार्डों के लिए सबसे ज्यादा 439 अभ्यार्थियों ने नामांकन जमा किया है..इसमें कांग्रेस से बागी होकर 40 और भाजपा से बागी होकर 30 नेताओं ने नामांकन जमा किया है…चरौदा नगर निगम की 40 वार्ड के लिए 170 अभ्यार्थियों ने नामांकन जमा किया है…रिसाली में नगर निगम में 40 वार्डों में चुनाव हो रहे है..पहली बार चुनाव होने के कारण यहां स्थानीय नेताओं में भारी उत्साह है..इसलिए यहां 214 अभ्यार्थियों ने नामांकन जमा किया है…यहां कांग्रेस और भाजपा के बागियों की संख्या 15 से ज्यादा है….इसी तरह बीरगांव नगर निगम के 40 वार्ड के लिए 209 अभ्यार्थियों ने नामांकन जमा किया है..इसमें कांग्रेस से 5 और भाजपा के 10 बागियों ने नामांकन जमा किया है…इसी तरह के हालात 5 नगर पालिकाओँ और 6 नगर पंचायतों में भी है…वही भिलाई नगर के वार्ड क्रमांक 44 में ऐसी स्थिति बनी कि मानवेन्द्र सिंह मंगल जो भाजपा से टिकट चाह रहे थे लेकिन उन्हें एनवक्त पर कांग्रेस पार्टी से टिकट मिल गया…।

 

वैसे दलों के वरिष्ठ नेताओँ का दावा है कि जल्द ही सभी बागियों को मना लिया जाएगा…गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और मंत्री शिव डहरिया ये मानते हैं कि स्थानीय चुनाव में कई कार्यकर्ताओं की चुनाव लड़ने की इच्छा रहती है….लेकिन वार्ड में कई-कई दावेदारों के बीच टिकट तो केवल एक को ही दिया जा सकता है…इधऱ, भाजपा का दावा है कि भाजपा में कांग्रेस से कम बागियों ने नामांकन जमा किया है…सभी से हमारी बात हो गई है…वो वक्त रहते अपना नाम वापस ले लेंगे…।

 

नगरीय निकाय चुनाव में जीत-हार का अंतर काफी कम होता है…मुद्दों और पार्टियों से ज्यादा स्थानीय चेहरों पर भी जीत का बड़ा दारोमदार रहता है….ऐसे में बागी जीत का गणित बिगाड़ सकते हैं…इसे बाद महापौर के चुनाव के वक्त भी पार्षदों को साधना होता है…कुल मिलाकर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों दलों को इस वक्त अपने-अपने पार्टी के बागियों को मनाना जरूरी है..।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button