एलॅन्स स्कूल में विश्व शांति के लिए प्रार्थना एवं वैदिक शांति मंत्र पाठ का आयोजन

दिनेश दुबे
आप की आवाज
*एलॅन्स स्कूल के प्रांगण में विश्व शांति के लिए प्रार्थना एवं वैदिक शांति मंत्र पाठ*
बेमेतरा === एलॅन्स पब्लिक स्कूल बेमेतरा के प्रांगण में पूज्यपाद मुक्त वल्लभदास जी स्वामी, पूज्यपाद अनीरदेशदास स्वामी, प्राचार्य श्री रघुनंद (श्री स्वामी नारायण गुरुकुल), प्राचार्य डॉ सत्यजीत होता, शिक्षक, विद्यार्थी के सुखद सान्निध्य में विश्व शांति के लिए प्रार्थना सभा मे आयोजन किया गया।
       स्वामी मुक्त वल्लभदास जी ने कहा कि ’’हमें ध्यान रखना चाहिए कि पृथ्वी पर सभी जीव जन्तु का समान अधिकार है। अगर हम किसी के अधिकरों का हनन करेंगे, वहीं विरोध उत्पन्न होगा और यही विरोध अशांति का कारण बनता है। फिर इस बुराई से अनेकानेक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है। अतः हमें सदैव सावधान रहकर इसके निवारण हेतु कार्य करना चाहिए। सर्वप्रथम इसके लिए प्रत्येक जीव के हित व कल्याण के बारे में सोचते हुए कार्य करें। वेद – उपनिषदों में भी वर्णित है कि सत्य , अहिंसा के मार्ग को अपनाकर जीवन को मंगलमय बनाया जा सकता है।  ’’
        प्राचार्य डॉ सत्यजीत होता ने कहा कि ’’हम जिधर भी नजर उठाकर देखते है, प्रत्येक मानव, परिवार, प्रदेश, देश व विश्व अशांत नजर आ रहा है। आखिर यह अशांति आया कहां से, कैसे उत्पन्न हुआ। जब हम इसे ध्यान से देखने व समझने की कोशिश करते है, तब हमें पता चलता है कि मनुष्य के पास जितना कुछ है या उपलब्ध है, उससे वह असंतुष्ट है। और यही असंतुष्टि उसके अशांति का कारण बनता है। जो उसकी शारीरिक व मानसिक स्थिति को असंतुलित कर देता है। तथा यही असंतुलन तनाव व भय को पैदा करता है। जिससे वह असामाजिक कृत्यों को अंजाम देता है। जो परिवार, समाज, देश व विश्व के लिए घातक है। इस परिस्थिति में हमें सदगुरूओं का अनुसरण करते हुए इसके नकारात्मक पहलुओं को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए समाधान मूलक उपाय को करके शांति कायम कर सकते है। विश्व शांति प्राप्त करने के लिए हमें वैदिक संस्कृति के साथ मानवाधिकार, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और कूटनीति को संबोधित करना होगा, जो हमें अपने पूर्वजों तथा वैदिक संतों, बुद्ध और गांधी के मार्ग पर चलकर बातचीत के माध्यम से संघर्ष को हल करने के लिए मिली थी। युद्ध क्षेत्र में युद्ध और हिंसा को रोकने के लिए आज की प्रार्थना भगवान के चरण कमल में श्रद्धांजलि है। हमारी शिक्षा को नई पीढ़ी को शांति स्थिरता, मानव जीवन की सुरक्षा और देखभाल, प्रेम और मुस्कान साझा करने के साथ मानव जाति की एकता को बढ़ावा देने के बारे में शिक्षित करना चाहिए।“
पूज्यपाद अनीरदेशदास जी स्वामी, प्राचार्य श्री रघुनंद, श्री स्वामी नारायण गुरूकुल इंटरनेशनल स्कूल बेरला ने भी विद्यार्थियों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करने हेतु प्रेरित किए तथा अपने सपनों को साकार करने के लिए ईमानदारी से जुट जाने के लिए सीख प्रदान किए।
इसके पूर्व माँ सरस्वती के प्रतिमा में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
उक्त कार्यक्रम में स्कूल डायरेक्टर  पुष्कल अरोरा,  सुनिल शर्मा तथा शिक्षक – शिक्षिकाएँ एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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