
रायपुर केंद्रीय जेल में बर्बरता का मामला: पैसे की मांग पूरी न करने पर बंदी की पिटाई, तीन अधिकारी निलंबित
बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार, जांच के बाद दोषी पाए गए अधिकारी
रायपुर: रायपुर केंद्रीय जेल में 31 जनवरी को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें जेल प्रहरियों ने एक बंदी के साथ बर्बरता की। एनडीपीएस मामले में 18 महीने से सजा काट रहे बंदी पीयूष पांडे की मां उससे मिलने आई थी। मिलने का समय अधिक होने पर प्रहरियों ने उनसे 10 हजार रुपए की मांग की। पैसे न देने पर पीयूष पांडे के साथ बेरहमी से मारपीट की गई, जिससे उसका पैर और घुटना टूट गया।
जांच के बाद तीन अधिकारी निलंबित
घटना के सामने आने के बाद जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य के आदेश पर सहायक जेल अधीक्षक उदय राज गायकवाड़, प्रहरी जागेश्वर कुर्रे और पवन जायसवाल को निलंबित कर दिया गया है। जांच में इन अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही और बंदियों के साथ दुर्व्यवहार का दोषी पाया गया।
जेल प्रशासन ने मानी नोकझोंक की घटना
बंदी पीयूष पांडे के पिता, पुरुषोत्तम पांडे ने इस मामले में आरोप लगाए थे। हालांकि, जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने पैर टूटने की बात से इनकार किया है लेकिन नोकझोंक की घटना स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन मामले की गहराई से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
अन्य बंदियों में भी नाराजगी
सूत्रों के मुताबिक, पीयूष पांडे के साथ मारपीट के अलावा लेडी डॉन मुस्कान रात्रे के पति के साथ भी प्रहरियों ने दुर्व्यवहार किया था। इस घटना के बाद जेल का माहौल तनावपूर्ण हो गया है और अन्य बंदियों में भी आक्रोश देखा जा रहा है।
दुर्व्यवहार के आरोप पहले भी लगे
यह पहली बार नहीं है जब इन अधिकारियों पर इस तरह के आरोप लगे हों। इससे पहले भी गायकवाड़ और अन्य अधिकारियों पर बंदियों के साथ दुर्व्यवहार और अनुशासनहीनता के मामले सामने आ चुके हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि बंदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।