नगर तेलगी की कहानी भाग – दो,,, लोगों को पार्टनर बना, दलदल में धंसा नगर तेलगी की लूट की कहानी,,, सरकारी जमीन, आदिवासियों की जमीनों को हड़पने वाला नगर तेलगी,,, आगे और भी है, बने रहिए आप हमारे साथ,,,

सक्ती। नगर तेलगी जो घोटालों में और जमीन हथियाने में पूरे ब्रम्हांड में टॉप में हैं, किस्से कहानियों के राक्षस भी नगर तेलगी से ही सीखेंगे।
नगर तेलगी की कहानी नगर में कुछ 35 से 40 सालों की है, अपने रिश्तेदार के यहां एक व्यक्ति काम की तलाश में आता है और छोटे छोटे कामों से शुरुआत करता है, फिर अचानक एक जमीन खरीदता है और उस जमीन में आधी जमीन सरकारी को कब्जा कर अपना भ्रष्टाचार का किला तैयार करता है, चूंकि नगर तेलगी की जितनी भी पढ़ाई थी वह दूसरे राज्य में हुई थी और जैसा कि छत्तीगढियाओं के मन साफ और भोला होता है।

नगर तेलगी लूटना चालू करता है, पहले स्टाम्प का काम, फिर जमीन दलाली, फिर सरकारी जमीनों को हथियाने से लेकर आदिवासियों को ठगना चालू करता है नगर तेलगी और महज 25 सालों में हजार से लाख, करोड़, अरब और वर्तमान में खरबों की चल अचल संम्पत्ति का मालिक बन जाता है। यहां एक बात थोड़ी समाज से परे है कि वर्तमान में तो नगर तेलगी ने टैक्स वगैरह को कंट्रोल कर लिया है, लेकिन शुरुवाती पैसे जिससे नगर तेलगी पहली प्रॉपर्टी खरीदता है, फिर दूसरी, तीसरी उस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। और जब नगर तेलगी के पास थोड़ा अवैध पैसा आ जाता है तो वह आईटी रिटर्न का खेल शुरू करता है, साथ ही एक बात और नगर तेलगी अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए कुछ लोगों का व्यापारिक पार्टनर बन जाता है और उन्हें भी दलदल में घसीट लेता है, अब जैसे ही नगर तेलगी को पैसों की जरूरत पड़ती वह अपने ही व्यापारिक पार्टनरों को दूसरे से ब्लैक मेल करवाता और फिर उन्हें डराता, फिर सहानुभूति जताता, चूंकि लोग अनजाने में गलती कर जाते थे, जिसका फायदा उठाने में तो नगर तेलगी माहिर था, और धीरे धीरे अपना एक बड़ा साम्राज्य स्थापित कर लेता है।

नगर के जितने भी भूमाफिया हैं नगर तेलगी उनका गुरु है, और उन्हें पैसे कमाने का तरीका बता उन्हें झांसे में लेता है और उन्ही की जमीन का पार्टनर बन उन्हें दलदल में धकेलता है फिर अपने शातिर दिमांग का इस्तेमाल कर पार्टनरों का शोषण शुरू करता है और बेचारे पार्टनर भी समझ नहीं पाते हैं कि वे नगर तेलगी के चंगुल में हैं कि नगर तेलगी उनका हिमायती है। क्योंकि फंसा हुआ इंसान हमेशा अपने साथ खड़े दुश्मन को भी अपना नजदीकी मानता है और सगे मां, बाप, भाइयो को जो गलत काम के विरोध में रहते हैं उसे अपना दुश्मन मानता है। नगर तेलगी की आगे की कहानियों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें, जल्द की अगला भाग कितने जमीनों पर नगर तेलगी ने किस किस को कितना चूना लगाया पेश करेंगे।

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