बीजापुर के चिल्कापली गांव में ऐतिहासिक बदलाव: 75 साल बाद पहली बार आई बिजली, ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान

चिल्कापली गांव में रोशनी का नया अध्याय:

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का चिल्कापली गांव, जो 75 वर्षों तक अंधेरे में डूबा रहा, अब अपनी 76वीं गणतंत्र दिवस पर एक ऐतिहासिक परिवर्तन का गवाह बना है। यह गांव, जो कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, अब बिजली के उजाले से रोशन हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की ‘नियद नेल्लानार योजना’ के तहत गांव में पहली बार बिजली पहुंची, जिससे स्थानीय निवासियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है।

बिजली की रोशनी से मिल रही नई उम्मीदें:

चिल्कापली के निवासियों के लिए यह दिन एक नई शुरुआत जैसा है। 75 वर्षों तक अंधेरे में जीने के बाद, अब उन्हें अपनी रातों में सुरक्षा का अहसास हो रहा है। बिजली के आने से न सिर्फ उनके जीवन में सुरक्षा बढ़ी है, बल्कि वे अब आराम से टीवी देख सकते हैं, खाना पकाने में आसानी महसूस कर सकते हैं, और बच्चों की पढ़ाई में भी सहूलियत हो रही है। यह परिवर्तन गांववासियों के लिए जीवन में सुधार की नई संभावना को खोलता है।

तीन-चार महीने में पूरा हुआ कार्य:

यह ऐतिहासिक कार्य पूरा करने में लगभग तीन से चार महीने का समय लगा। अब चिल्कापली के लोग न केवल बिजली के आने से खुश हैं, बल्कि उन्हें यह यकीन भी है कि आने वाले समय में उनके गांव में और भी सुधार होंगे। यह बदलाव बुनियादी सुविधाओं की महत्वता और विकास की प्रक्रिया में हर क्षेत्र के शामिल होने का प्रतीक है।

अंधेरे से रोशनी की ओर:

गांव के ग्रामीणों के अनुसार, अंधेरे में रहने की आदत हो चुकी थी, और उन्हें रात के समय जंगलों के जानवरों, सांपों और बिच्छुओं से खतरों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब बिजली के आने से उनकी सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है और वे भयमुक्त महसूस कर रहे हैं।

अब भी कई चुनौतियां बाकी:

हालांकि, चिल्कापली में बिजली का आना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन यह गांव अभी भी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां पानी, सड़कें और स्वास्थ्य सेवाओं का पर्याप्त प्रबंध नहीं है। फिर भी, बिजली के इस आगमन से ग्रामीणों में आशा की एक नई किरण जगी है और वे विश्वास करते हैं कि आने वाले समय में उनके जीवन में और सुधार आएगा।

यह घटना विकास के वास्तविक अर्थ को स्पष्ट करती है—हर गांव तक बुनियादी सुविधाओं का पहुंचना ही असली बदलाव की दिशा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button