
CG कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान: पार्क को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में किया शामिल, अब अगला कदम ये होगा
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में स्थान
जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य ने दिलाई खास पहचान
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Kanger Valley National Park) को यूनेस्को की विश्व धरोहर की अस्थायी सूची (Tentative List) में शामिल किया गया है। यह छत्तीसगढ़ का पहला स्थल है, जिसे इस सूची में स्थान मिला है। राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में अहम कदम है।
स्थायी सूची में शामिल होने की उम्मीद
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को प्राकृतिक धरोहर श्रेणी में जगह मिली है। अब सरकार इस स्थल को यूनेस्को की नामांकन सूची (Nomination List) में शामिल करने का प्रयास करेगी। नामांकन सूची में आने के बाद, इसे स्थायी विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिल सकता है।
सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री ने साझा की खुशी
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए लिखा,
“यह छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी अद्भुत जैव विविधता और सुंदर जलप्रपातों के कारण विश्व धरोहर सूची की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है। यह प्रदेश की प्राकृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगा।”
इस प्रक्रिया से हुआ चयन
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिलाने के लिए राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को भेजा था। इस प्रस्ताव की समीक्षा के बाद यूनेस्को ने इसे अस्थायी सूची में शामिल किया।
कांगेर घाटी की अनूठी विशेषताएं
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और अद्भुत गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां पाए जाने वाले प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं—
✅ तीरथगढ़ जलप्रपात और कांगेर जलधारा: बस्तर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक
✅ कोटमसर और कैलाश गुफाएं: प्राचीन काल की गुफाएं, जो अपनी अद्भुत संरचना और जीवाश्मों के लिए जानी जाती हैं
✅ समृद्ध जैव विविधता:
- वन्यजीव: माउस डियर, लेथिस सॉफ्टशेल टर्टल, जंगली भेड़िया, उड़ने वाली गिलहरी
- वनस्पतियां: 900 से अधिक पौधों की प्रजातियां
- तितलियों की प्रजातियां: 140 से अधिक रंग-बिरंगी तितलियां
आगे क्या?
अब राज्य सरकार इस उद्यान को यूनेस्को की स्थायी विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज और शोध कार्यों को आगे बढ़ाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कांगेर घाटी की संरक्षण नीति और जैव विविधता को लेकर सरकार की पहल इसे वैश्विक स्तर पर खास पहचान दिला सकती है।
🚀 छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक विरासत को विश्व मान्यता मिलने की ओर बढ़ता एक और कदम!