
ट्रेन के नीचे जानबूझकर आकर कटवा दिए दोनों पैर, वजह जानकर हर कोई दंग
आपने ऐसी तो कई खबरें पढ़ीं होंगी जिसमें कि लोग बीमा (Insurance) के पैसे को लेने के लिए कई तरह के उपाय निकालते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है सिर्फ बीमा के पैसे लेने के लिए लोग अपनी जान तक की परवाह किए बगैर कदम उठा लेते हैं. हाल ही में ऐसा एक मामला सामने आया है जब एक व्यक्ति बीमा का पैसे लेने के लिए ट्रेन के सामने आ गया.
पैसों के लिए उठाया जोखिम भरा कदम
इस जोखिम भरे फैसले ने उस व्यक्ति को विकलांग बना दिया और उसके दोनों पैर कट गए. उसने ट्रेन की पटरी पर लेटकर अपने दोनों पैर गंवा दिए ताकि बीमा की रकम पा सके. खास बात ये है कि उस व्यक्ति के नाम पर 14 बीमा पॉलिसी (Insurance Policies) चल रहीं थी. लेकिन ऐसा करने के बाद भी वो अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो सका. एक्सीडेंट के कई सालों बाद भी वह बीमा के 23 करोड़ रुपये नहीं हासिल कर पाया है.
करोंड़ों के मुआवजे का हकदार है शख्स
‘डेली स्टार’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला हंगरी के Nyircsaszari का है. वहां की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने हाल ही में एक फैसला सुनाया जिसके बाद पता चला कि सैंडर (Sandor Cs) नाम का शख्स £2.4 मिलियन (करीब 23 करोड़ 97 लाख रुपये) का बीमा भुगतान और मुआवजा पाने के लिए जानबूझकर ट्रेन के आगे लेट गया था.
जानबूझकर रची साजिश
यह घटना 2014 में हुई थी. इस घटना में 54 वर्षीय सैंडर ने अपने दोनों पैर ट्रेन के सामने लेटकर कटवा लिए थे. वह तब से कृत्रिम अंगों का उपयोग कर रहा है और व्हीलचेयर के सहारे है. पैर गंवाने के बाद सैंडर ने बीमा कंपनियों से भुगतान के लिए संपर्क किया, लेकिन उसकी चाल कामयाब नहीं हो सकी और सच्चाई पता चल गई.
ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल, जिस दिन सैंडर ने अपने पैर खोए थे, उसके कुछ दिनों पहले ही उसने 14 उच्च जोखिम वाली जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) ली थीं. इसकी खबर जब बीमा कंपनियों को हुई तो उन्हें शक हुआ. उन्होंने क्लेम देने में देरी की, जिससे नाराज होकर सैंडर ने कोर्ट का रुख किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीमा कंपनियों और सैंडर ने अपनी-अपनी बात रखी.
खुद की सफाई में रखा ये तर्क
सैंडर ने दावा किया कि उसने कुछ जानकारों से फाइनेंशियल सलाह ली और फिर उसे समझ आया कि बचत खातों (Savings Account) की तुलना में बीमा पॉलिसियों पर रिटर्न बेहतर है. इसलिए उसने पॉलिसी ली थी. सैंडर का कहना है कि वो कांच के टुकड़े पर फिसलकर अपना संतुलन खो बैठा था और ट्रेन की पटरी पर गिर गया था. इस हादसे में उसके दोनों पैर चले गए. हालांकि, सात साल तक चलने वाली एक जांच ने निष्कर्ष निकाला है कि वो जानबूझकर ट्रेन के आगे लेट गया था, जिससे उसके पैर कट गए.