कोरबा का चैतुरगढ़: छत्तीसगढ़ का ‘कश्मीर’, जहां गर्मी में भी रहता है सुहावना मौसम

प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक किला और रोमांचक ट्रैकिंग का अनोखा संगम

कोरबा: छत्तीसगढ़, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जो रोमांच और आध्यात्मिक शांति दोनों का अनुभव कराते हैं। इन्हीं में से एक है चैतुरगढ़, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का कश्मीर’ भी कहा जाता है। यह इलाका अपनी ऊँची पहाड़ियों, हरे-भरे जंगलों और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है।

चैतुरगढ़ का अद्भुत सौंदर्य

चैतुरगढ़, मैकाल पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटियों में से एक है, जो कोरबा जिले में स्थित है। यह क्षेत्र गर्मी के दिनों में भी हरा-भरा और ठंडा रहता है, जिससे यह पर्यटकों के लिए गर्मी के मौसम में एक आदर्श पर्यटन स्थल बन जाता है।

मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर: आध्यात्मिक आस्था का केंद्र

यहां स्थित मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसकी वास्तुकला भी बेहद आकर्षक है। मान्यता है कि राजा पृथ्वीदेव प्रथम ने देवी मां के स्वप्नादेश पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। गर्मी के दिनों में भी यहां का तापमान 30 डिग्री से अधिक नहीं जाता, जिससे यह जगह भक्तों और पर्यटकों के लिए शांति और सुकून का अनुभव कराती है।

चैतुरगढ़ का ऐतिहासिक किला: स्थापत्य का बेजोड़ उदाहरण

चैतुरगढ़ का किला छत्तीसगढ़ के 36 ऐतिहासिक किलों में से एक है। इसका निर्माण 1069 ईस्वी में राजा पृथ्वीदेव प्रथम ने करवाया था। यह किला अपनी प्राकृतिक सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसे मजबूत चट्टानों से बनाया गया था। किले में प्रवेश के लिए तीन प्रमुख द्वार हैं:

  • सिंहद्वार
  • मेनका द्वार
  • ओंकारा द्वार

रोमांच पसंद करने वालों के लिए ट्रैकिंग और एडवेंचर

यह किला ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां पहुंचने के लिए ऊबड़-खाबड़ चट्टानों पर चढ़ाई करनी पड़ती है, जो रोमांच को और भी बढ़ा देती है। पहाड़ी की चोटी से हरे-भरे जंगल, पांच तालाब और समृद्ध जैव विविधता का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।

शंकर खोल गुफा: रहस्य और रोमांच का संगम

चैतुरगढ़ के पास स्थित शंकर खोल गुफा रोमांच के शौकीनों के लिए एक अनोखी जगह है। यह गुफा करीब 25 फीट लंबी है और इसके अंदर जाने के लिए घुटनों के बल चलना या रेंगना पड़ता है। मान्यता है कि भगवान शिव और भस्मासुर के बीच युद्ध के दौरान दोनों यहां आए थे।

कैसे पहुंचे चैतुरगढ़?

  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, रायपुर है, जहां से कोरबा तक टैक्सी या बस से पहुंचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग: चैतुरगढ़, कोरबा बस स्टैंड से 50 किमी और बिलासपुर बस स्टैंड से 55 किमी की दूरी पर स्थित है।

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