
टीबी मितान लोगों को कर रहे हैं टीबी के प्रति जागरूक
आप की आवाज
*टीबी मितान लोगों को कर रहे टीबी के प्रति जागरूक*
*संभावित 50 मरीजों को अस्पताल पहुँचाया टीबी मितान धनेश्वर ने*
*टीबी के प्रति लोगों में फैली नकारात्मकता को खत्म करना आवश्यक : सीएमएचओ डॉ. केशरी*
रायगढ़ =, 25 साल का धनेश्वर देवांगन टीबी मितान है यानी स्वस्फूर्त लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करता है और किसी में टीबी के संभावित लक्षण दिखे तो उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाकर जांच करवाता हैं। टीबी की पुष्टि नहीं हुई तो आगे ध्यान रखने की बात करता, अगर पुष्टि हो गई तो इलाज तक मरीज को यथासंभव सहायता करता है।
धनेश्वर की चक्रधर नगर चौक में फास्ट फूड का स्टाल है। कभी-कभी वह टीबी जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लेने या गाँव भ्रमण के लिए दुकान नहीं खोलता है तो उसके ग्राहक उससे दुकान बंद रखने का कारण पूछते हैं तो बड़े गर्व से कहता है कि वह टीबी चैंपियन है और अब टीबी मितान बनकर समाजसेवा का कार्य भी कर रहा है। धनेश्वर की दुकान में जब कोई ग्राहक ज्यादा खांस दे तो वह उसे टीबी के बारे में जरूर बताने लगता है।
*धनेश्वर ने बताया: ” 2017 में जब मैं 20 साल का था तब तबियत कई दिनों तक ठीक नहीं हुई क्योंकि सामान्य बुखार की मैं दवा ले रहा था। दिन भर पेट दर्द और शाम को बुखार आ जाता था। फिर एक परिचित ने टीबी के बारे में बताया और जानकारी दी कि जिला अस्पताल में इसकी जांच और इलाज मुफ्त है। मैं जिला अस्पताल गया जहां इसकी पुष्टि हो गई। मुझे दवा दी गई और एहतियात बरतने की सलाह दी गई। लेकिन दवा का डोज़ मुझे ज्यादा लगने के कारण मैंने इसे एक महीने बाद खाना छोड़ दिया। फिर क्या तबियत और बिगड़ी, इस बार जांच में मुझे टीबी के बड़े स्वरूप यानि मल्टी ड्रग रजिस्टेंट टीबी (एमडीआर टीबी) हो गया। इसके बाद मैंने बड़ी ईमानदारी से 6 महीने तक दवा का सेवन किया और मैं टीबी से पूर्ण रूप से ठीक हो गया। अगर मैंने दवा खाना नहीं बंद किया होता तो और पहले ठीक हो सकता था। कई लोगों को अपना उदाहरण देते हुए मैं बताता हूँ कि मैंने कैसे लापरवाही की और फिर जागरूकता से कैसे बचा । 2018 में टीबी ठीक होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से रायपुर गया जहां टीबी चैंपियन का दर्जा मिला। तब से लेकर अब तक मैंने 50 से अधिक टीबी के संभावित मरीजों को खुद अपनी गाड़ी में बैठाकर अस्पताल जांच कराने ले गया हूँ। अब जब भी समय मिलता है लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करता हूँ।“
*जिला क्षय नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. जया कुमारी चौधरी ने बताया: ‘’ टीबी चैंपियन वह लोग होते हैं जो पहले टीबी रोग से ग्रसित रहे और अब लोगों के बीच जाकर टीबी के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर कर रहे हैं। और टीबी चैंपियन के माध्यम से टीबी से ग्रसित मरीज़ को इलाज और बचाव के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त टीबी चैंपियन के द्वारा टीबी रोगियों को मानसिक संबल भी प्रदान किया जाता है कि वह टीबी रोगियों को बताते हैं कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, इसका पूर्ण उपचार कराने पर यह ठीक हो जाती है। जिसका उदाहरण खुद टीबी चैंपियन होता है इसके साथ ही टीबी मरीजों के परिवार के लोगों की भी काउंसलिंग करते है । जिससे उपचारित रोगी और उसके परिजन किसी प्रकार के मानसिक दबाव में न आएं और उपचार कराते रहें।“
*जिले में 18 टीबी मितान*
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी ने कहा: ‘’प्रदेश को 2023 तक टीबी रोग मुक्त राज्य बनाने के लिए टीबी मितान के द्वारा लगातार जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। टीबी के प्रति लोगों में फैली नकारात्मक धारणा को खत्म करना अत्यंत आवश्यक है और लोगों को टीबी रोग की पहचान, लक्षण, बचाव एवं नियमित इलाज के बारे में जानकारी होना जरूरी है। लोगों को यह पता होना चाहिए कि टीबी का प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे होता है। लोगों तक यह सभी बातें बताने के उद्देश्य से ही जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिले के हर ब्लॉक में 2 टीबी मितान यानी कुल 18 हैं।“
*ऐसे लक्षण है तो जरूरी है जांच*
खांसी का दो सप्ताह या उससे अधिक समय से रहना, खांसते वक्त बलगम और खून का आना, भूख का कम लगना, वजन लगातार कम होना, शाम को तेज बुखार आना, छाती में दर्द आदि की शिकायत हो तो देर नहीं करते हुए तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवाए और टीबी निकालने पर उसका इलाज शुरू करवाना चाहिए।


