
छत्तीसगढ़। राज्य में सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना से छत्तीसगढ़ अब हाई-टेक औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। इससे न सिर्फ राज्य तकनीकी प्रगति की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है, बल्कि युवा वर्ग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के रोजगार और प्रशिक्षण अवसर भी तेजी से खुल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को देश के उभरते इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और नॉलेज हब के रूप में पहचान दिला सकती है।
₹1143 करोड़ की लागत से बन रहा हाई-टेक चिप प्लांट
राज्य में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित की जा रही है, जिसे भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप निर्माण कंपनी माना जाता है। कंपनी ने छत्तीसगढ़ में ₹1143 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक उत्पादन सुविधा स्थापित करने का निर्णय लिया है।
यह प्लांट डेढ़ लाख वर्ग फीट क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
वर्ष 2030 तक 10 अरब चिप्स के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है।
इन चिप्स का उपयोग टेलीकॉम, 6G/7G तकनीक, लैपटॉप, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स सहित आधुनिक तकनीकी उपकरणों में किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के 12 युवाओं का चयन, मिलेगी वैश्विक प्रशिक्षण सुविधा
कंपनी ने शुरुआती चरण में राज्य के विभिन्न जिलों से 12 प्रतिभाशाली युवाओं का चयन किया है, जिनमें इंजीनियरिंग और कॉमर्स के छात्र शामिल हैं।
इन युवाओं को पहले चेन्नई में हाई-टेक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके बाद इन्हें एस्टोनिया, फ्रांस और सिंगापुर स्थित कंपनी के अंतरराष्ट्रीय संयंत्रों में उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा।
सभी प्रशिक्षण, यात्रा और आवास संबंधी खर्च कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा।
राज्य के लिए बड़ा अवसर
यह परियोजना न केवल छत्तीसगढ़ में उन्नत तकनीकी निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कौशल उपलब्ध कराकर राज्य के औद्योगिक भविष्य को मजबूत बनाएगी।














