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छत्तीसगढ़ को जल्द मिलेगा नया DGP, पवन देव और अरुण देव गौतम रेस में आगे

अशोक जुनेजा का कार्यकाल समाप्त, UPSC को भेजे गए तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम

छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक जुनेजा का कार्यकाल 3 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया है। उन्हें दो बार सेवा विस्तार दिया गया था, लेकिन इस बार कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया। ऐसे में राज्य सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा है।

ये तीन अधिकारी हैं दौड़ में शामिल

राज्य सरकार द्वारा UPSC को भेजे गए पैनल में पवन देव, अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के नाम शामिल हैं। इनमें से पवन देव और अरुण देव गौतम को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि आज 4 फरवरी को नए डीजीपी के नाम का आदेश जारी किया जा सकता है।

कौन हैं अरुण देव गौतम?

अरुण देव गौतम 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने बस्तर क्षेत्र में आईजी के रूप में कार्य करते हुए अपनी प्रशासनिक दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया है। संयुक्त राष्ट्र पदक और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित गौतम को DGP की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।

DGP बनने के लिए आवश्यक योग्यता

सुप्रीम कोर्ट के 2006 के फैसले के अनुसार, राज्य सरकार को UPSC द्वारा सूचीबद्ध तीन वरिष्ठतम अधिकारियों में से ही डीजीपी का चयन करना होगा। चयनित अधिकारी को कम से कम दो वर्षों का कार्यकाल पूरा करना अनिवार्य होगा। डीजीपी बनने के लिए 30 वर्षों की सेवा आवश्यक होती है, हालांकि कुछ परिस्थितियों में 25 वर्षों की सेवा की छूट दी जा सकती है।

छत्तीसगढ़ के पहले DGP कौन थे?

छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद पहले डीजीपी आईपीएस मोहन शुक्ला बने थे। उन्होंने 1 नवंबर 2000 से 26 मई 2001 तक सेवा दी थी। हाल ही में भोपाल, मध्य प्रदेश में उनका निधन हो गया।

अब सभी की निगाहें सरकार के फैसले पर टिकी हैं कि छत्तीसगढ़ का अगला पुलिस महानिदेशक कौन होगा।

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